RBI ने शुक्रवार को अपनी मॉनेटरी पॉलिसी (Monetary Policy) पेश कर दी। उसने इस फाइनेंशियल ईयर यानी 2022-23 के दौरान रिटेल इनफ्लेशन 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। दरअसल, उसने चालू वित्त वर्ष के लिए रिटेल इनफ्लेशन के अनुमान में बदलाव नहीं किया है।
RBI ने शुक्रवार को अपनी मॉनेटरी पॉलिसी (Monetary Policy) पेश कर दी। उसने इस फाइनेंशियल ईयर यानी 2022-23 के दौरान रिटेल इनफ्लेशन 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। दरअसल, उसने चालू वित्त वर्ष के लिए रिटेल इनफ्लेशन के अनुमान में बदलाव नहीं किया है।
केंद्रीय बैंक ने जून की अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में भी रिटेल इनफ्लेशन 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। पिछले कुछ समय से इनफ्लेशन आरबीआई और सरकार के लिए बड़ा चैलेंज बना हुआ है। इसके काबू में करने के लिए सरकार और आरबीआई ने पिछले कुछ महीनों में कई कदम उठाए हैं।
लाख कोशिशों के बावजूद इनफ्लेशन में ज्यादा कमी नहीं दिखी है। यह पिछले कई महीनों से आरबीआई के टारगेट से ऊपर बना हुआ है। जून में रिटेल इनफ्लेशन 7.01 फीसदी रहा। मई में यह 7.04 फीसदी था। रिटेल इनफ्लेशन लगातार 33 महीनों से मीडियम टर्म के 4 फीसदी के टारगेट से ऊपर बना हुआ है।
आरबीआई ने जुलाई-सितंबर में रिटेल इनफ्लेशन औसतन 7.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। अक्टूबर-दिसंबरर में इसके तेजी से घटकर 6.4 फीसदी पर आने की उम्मीद जताई गई है। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसके 5.8 फीसदी पर आ जाने की उम्मीद है।
अगले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में रिटेल इनफ्लेशन और घटकर 5 फीसदी पर आ जाने की उम्मीद है। केंद्रीय बैंक ने इनफ्लेशन का अनुमान लगाने में यह माना है कि क्रूड ऑयल की औसत कीमत 105 डॉलर प्रति बैरल रहेगी। पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के मुताबिक, जुलाई में इंडिया के लिए क्रूड ऑयल बास्केट का औसत प्राइस 105 डॉलर प्रति बैरल रहा।
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