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केरल में कोरोना के बीच निपाह वायरस ने ली 12 साल के बच्चे की जान, जानिए लक्षण और उपचार

केरल के कोझीकोड जिले में निपाह वायरस से संक्रमित एक मरीज सामने आया है, जिसकी मौत हो गई है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 06, 2021 पर 10:14 AM
केरल में कोरोना के बीच निपाह वायरस ने ली 12 साल के बच्चे की जान, जानिए लक्षण और उपचार

केरल इस समय कोरोना वायरस के बीच दोहरी मार झेल रहा है। दक्षिण भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस बीच केरल में निपाह वायरस से 12 साल के बच्चे की मौत का मामला सामने आया है।

केरल (Kerala) के कोझीकोड (Kozhicode) में निपाह वायरस (Nipah Virus) के संक्रमण मं आने से 12 साल के बच्‍चे की मौत हो गई। बच्‍चे को निपाह वायरस से संक्रमित होने के बाद एक निजी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था, जहां रविवार सुबह उसकी मौत हो गई।

इसके बाद केंद्र की एक टीम कोझीकोड पहुंच गई है। राज्य की पिनराई सरकार ने लोगों को भरोसा दिया है कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है। इस बीच मीडिया से बात करते हुए राज्य की की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज (Veena George) ने बताया कि रविवार को सुबह 5 बजे बच्चे की मौत हो गई है। पुणे की NIV ने निपाह वायरस मे मौजूदगी की पुष्टि की है। जो भी उनके संपर्क में आए हैं सबको अलग किया जा रहा है। पहले से ही एक स्पेशल टीम वहां मौजूद है।

स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने आगे कहा कि दक्षिण भारत में पहला निपाह वायरस रोग (NiV) केरल के कोझीकोड जिले में 19 मई 2018 को दर्ज किया गया था। राज्य में 1 जून 2018 तक 17 मरीजों की मौत हुई थी और 18 मामलों की पुष्टि हुई थी।

जानिए क्या है निपाह वायरस

जानकारों का कहना है कि जानकारों का कहना है कि निपाह एक जूनोटिक (zoonotic) वायरस है और यह जानवरों से इंसानों में फैल सकता है। इसके साथ ही यह एक इंसान से दूसरे इंसान में भी फैलता है। पहली बार यह मलेशिया में सुअर का पालन करने वाले किसानों के बीच पहचाना गया था। यह रोग पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में साल 2001 में सामने आया और फिर साल 2007 में सामने आया था। यह वायरस ज्यादातर एक क्षेत्र तक सीमित था। इसके संपर्क में जो भी आते हैं उन पर इस वायरस का संक्रमण फैलता है।

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