सरकार डिजिटल इंडिया मिशन के तहत तैयार अलग-अलग सेक्टर के डेटाबेस का इस्तेमाल डेटा गवर्नेंस को बेहतर बनाने के लिए करेगी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बारे में 1 मार्च को बताया। डिजिटल इंडिया मिशन के तहत टेक्नोलॉजी के एडवान्स टूल का इस्तेमाल सेक्टोरल डेटाबेस तैयार करने के लिए किया गया है। वित्तमंत्री ने कहा कि इस पहल में कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स (सीजीए) की बड़ी भूमिका हो सकती है।
पीएफएमएस के पास काफी बड़ा डेटासेट
49वें सिविल अकाउंट्स डे के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा, "जुलाई 2024 में पेश यूनियन बजट में मैंने सुझाव दिया था कि डेटा गवर्नेंस, कलेक्शन, प्रोसेसिंग और डेटा एंड स्टैटिस्टिक्स के मैनेजमेंट में इम्प्रूवमेंट के लिए अलग-अलग सेक्टर के डेटा का इस्तेमाल टेक्नोलॉजी टूल के जरिए होगा। सीजीए के पास इस दिशा में काम करने की क्षमता है। इसकी वजह यह है कि PFMS के पास काफी बड़ा डेटासेट है।"
डेटा कलेक्शन और प्रोसेसिंग पर फोकस
वित्तमंत्री के इस बयान से संकेत मिलता है कि सरकार बेहतर फिस्कल ट्रांसपेरेंसी और गवर्नेंस के लिए डेटा के कलेक्शन, प्रोसेसिंग और मैनेजमेंट पर फोकस बढ़ाना चाहती है। उन्होंने एनुअल अकाउंट्स को भी आसान बनाने की जरूरत पर जोर दिया ताकि उस तक आम आदमी की पहुंच मुमकिन हो सके। उन्होंने कहा, "हम चाहेंगे कि एनुअल अकाउंट को लोगों की पहुंच के दायरे में लाने के लिए डिपामेंटमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर सीजीए के साथ मिलकर काम करेगा।"
सिंगल नोडल एजेंसी के इस्तेमाल से फायदा
उन्होंने कहा कि PFMS ने फाइनेंशियल ट्रैकिंग और फंड मैनेजमेटं में बड़ी भूमिका निभाई है। इससे सरकार के खर्च का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाने में मदद मिली है। फंड डिस्बर्सल और ट्रेजरी मैनेजमेंट में रिफॉर्म्स से काफी सेविंग्स हुई है। पब्लिक ऑटोनोमस बॉडीज में ट्रेजरी सिंगल अकाउंट (TSA) ने 2017-18 से इंटरेस्ट कॉस्ट में 15,000 करोड़ रुपये की बचत की है। सिंगल नोडल एजेंसी (SNA) सिस्टम के जरिए राज्यों को समय पर पूरा पैसा रिलीज करने में मदद मिली है।
यह भी पढ़ें: 1 मार्च 2025 से महंगा हुआ सिलेंडर, डीमैट, UPI पेमेंट, टैक्स और GST के बदले 7 नियम, जल्द निपटाने होंगे ये काम
टैक्सपेयर्स के पैसे का सही इस्तेमाल जरूरी
उन्होंने कहा कि टैक्सपेयर्स के पैसे का सही इस्तेमाल जरूरी है। अकाउंटिंग में बड़ा बदलाव आया है। अब इनफ्लेशन और वेल्फेयर स्कीम का अच्छा मैनेजमेंट हो रहा है। पीएफएमएस के जरिए 1,200 केंद्र और राज्यों की स्कीमों के लिए डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर हो रहा है। इससे फंड डिलिवरी में पारदर्शिता आई है।