ओमिक्रोन और डेल्टा का संयुक्त वायरस (Omicron+Delta Recombinant) जब से सामने आया है, तभी वैज्ञानिक यह पता लगाने के लिए लगातार स्टडी कर रहे हैं कि यह कितना शक्तिशाली या संक्रामक है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि नए हाइब्रिड वेरिएंट पर काफी बारीकी से नजर रखने की जरूरत है क्योंकि इसमें दोनों वेरिएंट के सबसे खतरनाक गुणों को लेकर तेजी से एक सुपरवायरस बनने की क्षमता भी हो सकती है। एक एक्सपर्ट ने कहा, "यह हाइब्रिड कुछ दिलचस्प सुराग देता है कि आगे यह वायरस कैसे विकसित होने वाला है।"
वॉशिंगटन स्थित पब्लिक हेल्थ लैबरोटरी की बॉयोइंफार्मेटिशियल, Scott Nguyen ने बताया कि यह ऐसा लग रहा है कि यह वायरस दोनों वेरिएंट के सबसे अच्छ गुणों को अपना रहा है। ये गुण संक्रामक और इम्यून सिस्टम को भेदने से जुड़े हैं।
Scott Nguyen ने हाल ही में एक रिकॉम्बिनेंट वायरस पाया, जिसमें अधिकतर गुण डेल्टा वेरिएंट के थे, लेकिन उसके स्पाइक प्रोटीन ओमिक्रोन के थे। उन्होंने कहा, "हाइब्रिड वेरिएंट की एक ठीक-ठाक संख्या ऐसी है, जिनमें स्पाइक प्रोटीन ओमीक्रोन की है, लेकिन उनका बॉडी डेल्टा का है। यह इन वेरिएंट को अधिक संक्रामत बना सकता है।"
WHO सहित दुनिया के तमाम हेल्थ एक्सपर्ट इस हाइब्रिड वेरिएंट पर करीबी नजर रखे हुए हैं। इन्होंने हाल हीमें बताया किकैसे यह दोनों वेरिएंट जुड़कर एक सुपरवायरस में बदल रहे हैं। इस प्रक्रिया को रिकॉम्बिनेशन नाम दिया है और फ्लू का सबसे खतरनान वेरिएंट इसी प्रक्रिया से बनता है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि, यह भी संभव हो सकता है कि कोरोना वायरस खुद सबसे पहले रिकॉम्बिनेशन के जरिए ही बना हो। यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो के वैज्ञानिकों ने पिछले महीने एक स्टडी प्रकाशित की थी, जिसमें यह संकेत दिया था कि ऐसा संभव है कि वुहान के सीफूड मार्केट में कोई जानवर दो कोरोना वायरसों से संक्रमित हो गया गो और इन दोनों वायरस ने कोरोना के शुरूआती वर्जन को जन्म दिया है, जैसे अभी ओमिक्रोन और डेल्टा वेरिएंट मिले हैं।
Scott Nguyen ने बताया, "हम सभी ने महामारी के शुरुआत में ऐसा माना था कि कोरोना वायरस ज्यादा अधिक संक्रमित नहीं होगा। लेकिन इस वायरस ने हर मोर्चे पर हमें हैरान किया है। इसलिए मुझे लगता है कि यह रिकॉम्बिनेंट वायरस कुछ दिलचस्प सुराग बता रहा है कि यह आगे और किस तरह से विकसित होगा और कितना तेजी से वायरस का एक नया वेरिएंट बनकर हमारे सामने आ सकता है।"