भारत में 19 मार्च को COVID-19 के 1,071 नए केस सामने आए, जो एक दिन पहले की तुलना में 27 प्रतिशत ज्यादा है। पिछले 130 दिनों में ये पहली बार था, जब देश ने एक दिन में 1,000 से ज्यादा संक्रमण के मामले दर्ज किए। 20 मार्च को, 918 पर नए डेली केस 1,000 अंक से कुछ ही कम हो गए। इसके पीछे अहम कारण वीकेंड में कम टेस्ट होना था, लेकिन डेली टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 2 प्रतिशत से ज्यादा हो गई है।
भारत के SARS CoV 2 जीनोमिक सर्विलांस कंसोर्टियम, INSACOG ने 18 मार्च को मौजूदा उछाल के पीछे संभावित कारण का संकेत दिया था। GISAID पर भारत से अपडेट किए गए डेटा ने ये भी दिखाया कि SARS-CoV 2 का ओमिक्रॉन XBB.1.16 वेरिएंट सबसे प्रभावी हो सकता है।
अब तक का सबसे संक्रामक कहा जाने वाला इस सब-वैरिएंट के कर्नाटक में 30 केस, महाराष्ट्र में 29, पुडुचेरी में 7, दिल्ली में 5, तेलंगाना में 2, गुजरात में 1, हिमाचल प्रदेश में 1 और ओडिशा में 1 केस हैं।
लेकिन क्या भारत को संक्रमणों में मौजूदा उछाल के बारे में चिंता करने की जरूरत है या क्या XBB.1.16 मामलों की लहर का कारण बन सकता है? इसका जवाब आपको यहां मिलेगा...
XBB.1.16 वैरिएंट क्या है?
जिस तेजी से यह बढ़ रहा है, इस नए वैरिएंट को खतरे के तौर पर देखा जा रहा है। विशेषज्ञ बताते हैं कि SARS CoV 2 के म्यूटेंट स्ट्रेन, खासतौर से ओमिक्रॉन, इम्यूनिटी से बचने में होशियार हैं। वास्तव में, ओमिक्रॉन वैरिएंट 2021 के आखिर में सामने आने के बाद से ही काफी ज्यादा घातक है।
फरीदाबाद के अमृता अस्पताल में संक्रामक रोग विभाग के सलाहकार डॉ. रोहित कुमार गर्ग ने बताया कि जीनोम सीक्वेंसिंग के आधार पर मौजूद रिपोर्टें बताती हैं कि XBB 1.16 में कुछ अतिरिक्त स्पाइक म्यूटेशन हैं।
मुंबई के भाटिया अस्पताल में कंसल्टेंट इंटर्निस्ट डॉ. सम्राट शाह ने कहा कि वर्तमान में XBB.1.16 वैरिएंट ज्यादातर लोगों में गंभीर समस्याओं का कारण नहीं लगता है। इसके लक्षणों में नाक बंद होना, सिरदर्द और गले में खराश। साथ में बुखार और माइलियागिया या मांसपेशियों में दर्द जो तीन से चार दिनों तक रहता है, ये सब शामिल है।
उन्होंने कहा, "ज्यादातर समय, मरीज बिना किसी परेशानी और बड़े इलाज के ठीक हो जाता है।" विशेषज्ञ ने, हालांकि, जोर देकर कहा कि पुरानी बीमारी वाले बुजुर्ग मरीज अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं और किसी भी तरह के वायरल इंफेक्शन से मर भी सकते हैं।