Padma Awards 2024: वे 33 गुमनाम हीरो, जिन्हें इस साल मिलने वाला है पद्म श्री
Padma Awards 2024: पद्म पुरस्कार विभिन्न विषयों/गतिविधियों के क्षेत्रों में दिए जाते हैं, जैसे- कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल, सिविल सेवा, आदि। असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया जाता है। उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए 'पद्म भूषण' और किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए 'पद्म श्री' से सम्मानित किया जाता है
Padma Awards 2024: पद्म पुरस्कार, देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में गिने जाते हैं।
Padma Awards 2024: 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार की ओर से इस वर्ष के पद्म पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है। वर्ष 2024 के लिए भारत के राष्ट्रपति की ओर से 132 पद्म पुरस्कार प्रदान किए जाने की मंजूरी दी गई है। इस लिस्ट में 5 पद्म विभूषण, 17 पद्म भूषण और 110 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं। ये अवॉर्ड पाने वालों में 30 महिलाएं हैं। इसके अलावा लिस्ट में विदेशी/एनआरआई/पीआईओ/ओसीआई कैटेगरी में 8 व्यक्ति हैं। साथ ही 9 विजेता ऐसे हैं, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं।
पद्म पुरस्कार, देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में गिने जाते हैं। हर साल ये अवॉर्ड विभिन्न विषयों/गतिविधियों में दिए जाते हैं। अवॉर्ड पाने वालों में कई नाम ऐसे होते हैं, जो पहले से काफी जानेमाने होते हैं। तो वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो पहले तो एक तरह से गुमनाम होते हैं लेकिन पद्म पुरस्कार पाने के बाद फेमस हो जाते हैं। साल 2024 के पद्म पुरस्कार पाने वालों में भी ऐसे गुमनाम नायक शामिल हैं।
अगर पद्म श्री (Padma Shri) की बात करें तो इस बार इस सम्मान को पाने वाले गुमनाम हीरोज की लिस्ट में 67 वर्षीय पारबती बरुआ भी शामिल हैं। वह भारत की पहली महिला महावत (हाथी को ट्रेन करने वाला) हैं। सामाजिक कार्य और पशु कल्याण के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया जा रहा है। इस बार पद्म श्री से सम्मानित होने वाले गुमनाम नायकों में और कौन शामिल है, आइए जानते हैं...
पारबती बरुआ: सामाजिक कार्य (पशु कल्याण)
जागेश्वर यादव: सामाजिक कार्य (आदिवासी)
चामी मुर्मू: सामाजिक कार्य (पर्यावरण)
गुरविंदर सिंह: सामाजिक कार्य (दिव्यांग)
सत्यनारायण बेलेरी: कृषि (पारंपरिक चावल की 650 से अधिक किस्मों को संरक्षित किया)
दुखु माझी: सामाजिक कार्य (पर्यावरण)
के चेल्लाम्मल: जैविक खेती
संगथंकिमा: सामाजिक कार्य (बाल कल्याण)
हेमचंद मांझी: ट्रेडिशनल मेडिसिनल प्रैक्टिशनर
यानुंग जमोह लेगो: हर्बल चिकित्सा विशेषज्ञ
सोमन्ना: सामाजिक कार्य (आदिवासी कल्याण)
सरबेश्वर बसुमतारी: जनजातीय खेती
प्रेमा धनराज: प्लास्टिक सर्जन (जले हुए पीड़ित) और सामाजिक कार्य
उदय विश्वनाथ देशपांडे: अंतर्राष्ट्रीय मल्लखंब कोच
यज़्दी मानेकशा इटालिया: माइक्रोबायोलॉजिस्ट (सिकल सेल एनीमिया नियंत्रण कार्यक्रम)