PM Kisan Samman Nidhi: पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक किसानों को 12 किश्तों में पैसे मुहैया कराए जा चुके हैं। किसान अब 13 वीं किश्त का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस बीच केंद्र सरकार का कहना है कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत कई अपात्र किसान फायदा उठा रहे थे। इनका लिस्ट से नाम हटा दिया गया है। सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत पात्र किसानों को लाभ मिलता रहेगा। इसलिए इस बजट में कोई कटौती नहीं की गई है।
यूनियन बजट 2023 के अनुमान के मुताबिक, पीएम किसान योजना का आवंटन 8,000 करोड़ रुपये कम हो गया है। यह उस समय कौटती की गई है, जब किसान इस योजना के लिए आवंटन में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे थे।
सालाना मिलते हैं 6000 रुपये
बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को सालाना 6,000 रुपये मुहैया कराए जाते हैं। किसानों को ये पैसे सालाना आधार पर तीन किश्तों में दिए जाते हैं। हर एक किश्त में 2,000 रुपये मिलते हैं। साल भर में कुल 3 किश्तों में पैसे दिए जाते हैं। इस योजना के तहत किसानों के अकाउंट में सीधे पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं। सरकार का कहना है कि सरकार सभी किसानों को वेरिफिकेशन कर रही है। इस लिस्ट में मृतक किसानों समेत अपात्र किसानों को लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक, सभी पात्र किसानों को लाभ मिलता रहेगा। इसका मतलब ये हुआ कि बजट में जो कटौती की गई है। उसका इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
6000 रुपये से ज्यादा पैसे बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं
सीतारमण ने लोकसभा विपक्षी दलों से कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना में काफी डेटा का अपडेशन (updation) का काम चल रहा है। कृषि मंत्रालय की ओर से डुप्लीकेशन की जांच की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि सभी लाभार्थी किसानों को इसका फायदा मिलता रहेगा। वहीं बजट के पहले कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार पीएम किसान सम्मान निधि के तहत राशि बढ़ा सकती है। इस मामले में कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर (Narendra Tomar) ने कहा कि पीएम किसान के तहत सालान 6000 रुपये से राशि बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नही था।
वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों की इनकम दोगुना करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि SBI की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ राज्यों के किसानों की इनकम साल 2018 के मुकाबले 2022 में दोगुना हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि कर्नाटक में कपास किसानों और महाराष्ट्र में सोयाबीन किसानों की इनकम दोगुनी हो गई है।