Anant Kumar Singh acquits in Ak-47 case: पटना हाई कोर्ट ने मोकामा के पूर्व बाहुबली विधायक अनंत कुमार सिंह को AK-47 मामले में बरी कर दिया है। सबूतों के अभाव में हाईकोर्ट ने बुधवार (14 अगस्त) को अनंत सिंह को बरी कर दिया। अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी मोकामा से RJD विधायक हैं। लेकिन विश्वास मत के दौरान वह नीतीश कुमार की पार्टी JDU कर पाले में चली गई थी। उसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि अनंत सिंह को राहत मिल सकती है।
यह मामला 16 अगस्त, 2019 का है। उस वक्त तलाशी अभियान के दौरान पूर्व विधायक के पैतृक गांव स्थित घर से एक एके-47, दो हैंड ग्रेनेड, 26 राउंड गोलियां और एक मैगजीन बरामद किया गया था। इस मामले में सिविल कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी। अनंत सिंह इस केस में जेल में बंद थे। पूर्व बाहुबली नेता के जेल से बाहर निकलने का अब रास्ता साफ हो गया है।
मोकामा विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व विधायक अनंत सिंह को उनके आवास से एके-47 राइफल और अन्य हथियार बरामद होने के मामले में 21 जून 2022 को पटना की एक विशेष अदालत ने 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। एमपी-एमएलए कोर्ट ने 14 जून 2022 को 'छोटे सरकार' के नाम से मशहूर अनंत सिंह को आर्म्स एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और आईपीसी के तहत दोषी ठहराया था।
अनंत सिंह AK-47 मामले में फिलहाल 10 साल की सजा काट रहे हैं। इस साल ही लोकसभा चुनाव के दौरान अनंत सिंह कुछ दिन पहले पैरोल पर जेल से बाहर आए थे। वो अपनी संपत्ति के बंटवारे और बेटे की शादी के लिए पैरोल पर बाहर आए थे। इस दौरान अनंत सिंह मीडिया में छाए रहे। उनके कई इंटरव्यू काफी वायरल हुए थे। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने नीतीश कुमार की पार्टी का समर्थन किया था। जानकारी के अनुसार अनंत सिंह को पटना हाई कोर्ट ने सबूत के अभाव में बरी किया है।
16 अगस्त, 2019 को लगभग 11 घंटे तक चले तलाशी अभियान के दौरान बाढ़ पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले पूर्व विधायक के पैतृक गांव स्थित घर से पुलिस द्वारा एक एके-47, दो हथगोले, 26 राउंड गोलियां और एक मैगजीन बरामद किए जाने से बिहार से हंगामा मच गया था। हथियार और गोला-बारूद बरामद होने के बाद सिंह फरार हो गए थे। बाद में सिंह ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उसने दावा किया था कि एके-47 राइफल मामले में राजनीतिक ताकतें उसके खिलाफ 'साजिश' रच रही हैं।
उन्होंने कहा था कि वह पुलिस के सामने ऐसा करने के बजाय सीधे अदालत में आत्मसमर्पण करेंगे। विधायक ने अगस्त 2019 में नई दिल्ली के साकेत कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। 2005 से मोकामा विधानसभा सीट जीत रहे सिंह को पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का करीबी माना जाता था। हालांकि, 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उनका नीतीश कुमार से मनमुटाव हो गया था। इसके कारण वह JDU से बाहर हो गए। बाद में वह RJD में शामिल हो गए। अब एक बार फिर नीतीश के करीबी बन गए हैं।