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Arvind Kejriwal Bail: अभी तिहाड़ जेल में ही रहेंगे अरविंद केजरीवाल, 26 जून को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

Arvind Kejriwal Bail: दिल्ली हाई कोर्ट ने 21 जून को कहा था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने संबंधी निचली अदालत का आदेश तब तक प्रभावी नहीं होगा, जब तक कि अदालत कथित आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत को चुनौती देने वाली ED की याचिका पर सुनवाई नहीं कर लेती

अपडेटेड Jun 24, 2024 पर 1:10 PM
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Arvind Kejriwal Bail: हाई कोर्ट ने अपना आदेश आने तक केजरीवाल को निचली अदालत से मिली जमानत पर रोक लगा दी है

Arvind Kejriwal Bail: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई टाल दी है, जिसमें उनकी जमानत पर रोक लगाई गई थी। अब इस मामले की सुनवाई बुधवार 26 जून को होगी। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पहले दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश आने दीजिए तभी इस पर हम कुछ कह पाएंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें जमानत देने के निचली अदालत के आदेश पर हाई कोर्ट की अंतरिम रोक के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

सुप्रीम कोर्ट ने AAP प्रमुख के वकील अभिषेक सिंघवी से कहा कि अगर हाई कोर्ट के रोक के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत मुख्यमंत्री केजरीवाल की याचिका पर कोई भी आदेश पारित करता है तो यह बिना विचार किए दिया गया फैसला होगा।

निचली अदालत ने 20 जून को केजरीवाल को जमानत दे दी थी, लेकिन हाई कोर्ट ने शुक्रवार 21 जून को इस पर अंतरिम रोक लगा दी थी। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था। हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एजेंसी को अंतरिम राहत नहीं दी होती, तो मुख्यमंत्री शुक्रवार को तिहाड़ जेल से बाहर आ सकते थे।


हाई कोर्ट से मिल चुका है झटका

हाई कोर्ट की एक अवकाशकालीन पीठ ने कहा था कि अगले आदेश तक जिस फैसले को चुनौती दी गई है, उसका क्रियान्वयन स्थगित रहेगा। हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को 24 जून तक लिखित दलील दाखिल करने को कहा था। अदालत ने याचिका पर सुनवाई के लिए 10 जुलाई की तारीख तय की है।

हाई कोर्ट ने कहा था कि वह दो-तीन दिन के लिए आदेश सुरक्षित रख रहा है, क्योंकि वह पूरे मामले के रिकार्ड का अवलोकन करना चाहता है। अदालत ने केजरीवाल को नोटिस जारी कर ED की उस याचिका पर जवाब मांगा है, जिसमें निचली अदालत के 20 जून के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसके तहत उन्हें जमानत दी गई थी।

दिल्ली हाई कोर्ट में ED की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एस.वी. राजू ने दलील दी थी कि निचली अदालत का आदेश विकृत, एकतरफा और गलत था और निष्कर्ष अप्रासंगिक तथ्यों पर आधारित थे।

निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने की मांग करते हुए राजू ने दलील दी थी कि ED को अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं दिया गया। निचली अदालत के आदेश पर रोक संबंधी ईडी की अर्जी का केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी और विक्रम चौधरी ने कड़ा विरोध किया।

शर्तों के साथ मिली जमानत

ट्रायल कोर्ट के विशेष जज ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर आम आदमी पार्टी के नेता केजरीवाल को रिहा करने का आदेश दिया था। अदालत ने साथ ही आप नेता पर कई शर्तें भी लगायीं जिनमें यह भी शामिल है कि वह जांच को बाधित करने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे। विशेष जज ने केजरीवाल को यह भी निर्देश दिया कि जब भी जरूरी होगा, वह अदालत में पेश होंगे तथा जांच में सहयोग करेंगे।

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21 मार्च को किया गया था गिरफ्तार

ED ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उससे बस कुछ समय पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें जारी समन को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर गिरफ्तारी से संरक्षण देने से इनकार कर दिया था। 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए 1 जून तक अंतरिम ज़मानत दी थी और कहा था कि उन्हें दो जून को आत्मसमर्पण करना होगा और वापस जेल आना होगा। केजरीवाल ने 2 जून को तिहाड़ जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया था और तब से वहीं हैं।

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