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अब जुम्मे की नमाज के लिए नहीं मिलेगा ब्रेक, असम सरकार ने खत्म की पुरानी प्रथा, CM हिमंत बोले- प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए किया फैसला

Assam Jumma Break: CM हिमंत बिस्वा सरमा ने X पर इस फैसले की तारीफ करते हुए लिखा, "असम विधानसभा की प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य के औपनिवेशिक बोझ को हटाने के लिए, हर शुक्रवार सदन को जुम्मे के लिए 2 घंटे तक स्थगित करने के नियम को रद्द किया गया। यह प्रथा 1937 में मुस्लिम लीग के सैयद सादुल्लाह ने शुरू की थी

Shubham Sharmaअपडेटेड Aug 30, 2024 पर 4:08 PM
अब जुम्मे की नमाज के लिए नहीं मिलेगा ब्रेक, असम सरकार ने खत्म की पुरानी प्रथा, CM हिमंत बोले- प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए किया फैसला
अब जुम्मे की नमाज के लिए नहीं मिलेगा ब्रेक! असम सरकार ने खत्म की पुरानी प्रथा, CM हिमंत बोले- प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए किया फैसला

असम सरकार ने प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए आमतौर पर शुक्रवार को दी जाने वाला दो घंटे के जुम्मा ब्रेक को खत्म कर दिया है। जुम्मे की नमाज की नमाज पढ़ने के लिए कर्मचारियों को दो घंटे की छुट्टी दी जाती थी। यह निर्णय असम विधानसभा के मौजूदा सत्र के आखिरी दिन लिया गया, जिसमें मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को 'औपनिवेशिक बोझ के एक और अवशेष को हटाने' के लिए प्रशासन की सराहना की।

CM हिमंत बिस्वा सरमा ने X पर इस फैसले की तारीफ करते हुए लिखा, "असम विधानसभा की प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य के औपनिवेशिक बोझ को हटाने के लिए, हर शुक्रवार सदन को जुम्मे के लिए 2 घंटे तक स्थगित करने के नियम को रद्द किया गया। यह प्रथा 1937 में मुस्लिम लीग के सैयद सादुल्लाह ने शुरू की थी।"

उन्होंने आगे कहा, "भारत के प्राचीन धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को कायम रखने के इस कोशिश के लिए असम विधानसभा के माननीय सभापति विश्वजीत दैमारी और माननीय सदस्यों को मेरा आभार।"

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