Atal Bihari Vajpayee: 'क्या हार में, क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं, कर्तव्य पथ पर जो भी मिला, यह भी सही वो भी सही, वरदान नहीं मांगूगा, हो कुछ पर हार नहीं मानूंगा...' ये कविता देश के ऐसे राजनेता की लिखी हुई है, जिसने न सिर्फ जनता के दिलों पर राज किया, बल्कि अपने प्रतिद्वंदियों तक के दिलों को जीता.. ये नेता कोई और नहीं बल्कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihar Vajpayee) थे। वाजपेयी को 'राजनीति में अजातशत्रु' कहा जाता था। अजातशत्रु का मतलब है, जिसका कोई शत्रु या दुश्मन न हो। राजनेता होने के साथ ही वे एक कोमल हृदय के कवि भी थे।