Bihar Political Crisis: 20 साल NDA के साथ, 4 साल महागठबंधन के साथ, नीतीश कुमार के राजनीतिक यू-टर्न पर डालें एक नजर
Bihar Political Crisis: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव की अपनी पार्टी के नेताओं के साथ पटना में मुलाकात, बीजेपी आलाकमान की बिहार के अपने नेताओं को दिल्ली पहुंचने के लिए कहना और बीजेपी नेता सुशील मोदी के वंशवाद की राजनीति पर हमले के लिए नीतीश कुमार की तारीफ करना, इन अटकलों के हवा दे रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले BJP और JDU के बीच गठबंधन होने वाला है
Bihar Political Crisis: 20 साल NDA के साथ, 4 साल महागठबंधन के साथ, नीतीश कुमार के राजनीतिक यू-टर्न पर डालें एक नजर
Bihar Political Crisis: बिहार (Bihar) में सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगियों के बीच तनाव फिर से उभर आया है। 2024 के लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections 2024) में कुछ ही महीने बाकी हैं, ऐसे में राज्य के राजनीतिक समीकरण में एक बार फिर बड़े बदलाव का संकेत मिल रहे है। इस बात के पुख्ता संकेतों के बीच कि वह सत्तारूढ़ 'महागठबंधन' छोड़ने की योजना बना रहे हैं, JDU के शीर्ष नेता शनिवार को पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के आवास पर पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं और कल शपथ लेंगे।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव की अपनी पार्टी के नेताओं के साथ पटना में मुलाकात, बीजेपी आलाकमान की बिहार के अपने नेताओं को दिल्ली पहुंचने के लिए कहना और बीजेपी नेता सुशील मोदी के वंशवाद की राजनीति पर हमले के लिए नीतीश कुमार की तारीफ करना, इन अटकलों के हवा दे रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले BJP और JDU के बीच गठबंधन होने वाला है।
नीतीश ने हाल ही में बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। इससे पहले 2022 में पार्टी छोड़कर महागठबंधन में शामिल होने के बाद BJP नेताओं ने उन्हें "पलटू बाबू" और "पलटू कुमार" करार दिया था।
बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार के राजनीतिक करियर पर एक नजर:
1985: नीतीश कुमार बिहार विधानसभा के लिए चुने गए।
1998: नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली NDA सरकार में रेलवे और कृषि मंत्री के रूप में अलग-अलग पदों पर काम किया।
2000: बीजेपी की मदद से 3 मार्च 2000 को नीतीश कुमार पहली बार मुख्यमंत्री बने। हालांकि, उन्होंने विधानसभा में विश्वास मत से सात दिन पहले इस्तीफा दे दिया, क्योंकि उनके पास बहुमत नहीं था।
2003: समता पार्टी का जनता दल में विलय हो गया और नीतीश कुमार को प्रमुख चुना गया।
2005: राज्य विधानसभा चुनाव में JDU-BJP गठबंधन ने बहुमत का आंकड़ा पार किया। नीतीश कुमार ने दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
2013: नरेंद्र मोदी को BJP की लोकसभा चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद नीतीश कुमार ने BJP से नाता तोड़ लिया।
2014: लोकसभा चुनाव में JDU की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश कुमार ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। JDU को बिहार की 40 में से केवल दो लोकसभा सीटें मिलीं।
2015: नीतीश कुमार ने अपने पुराने सहयोगी लालू प्रसाद से हाथ मिलाया और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाया। गठबंधन ने 2015 के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की।
2017: महागठबंधन में दो साल रहने के बाद, कुमार ने एक और यू-टर्न लिया और बिहार में सरकार बनाने के लिए महागठबंधन को छोड़ दिया।
2022: नीतीश कुमार ने बीजेपी को पछाड़कर फिर से महागठबंधन के साथ सरकार बनाई।
बिहार में कई सालों तक कुमार के डिप्टी के रूप में काम करने वाले सुशील मोदी ने कहा कि अगर शीर्ष नेतृत्व JDU प्रमुख के साथ जाने का फैसला करता है, तो BJP की राज्य इकाई को कोई समस्या नहीं होगी।
CNN-News18 ने एक बीजेपी नेता के हवाले से बताया, “नीतीश कुमार ने वंशवाद की राजनीति पर खुलकर बात की। बिहार बीजेपी केंद्र के फैसले के साथ है। हम केंद्रीय नेतृत्व के फैसले को स्वीकार करेंगे।”
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार बीजेपी नेताओं के साथ बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बिहार में राजनीतिक घटनाक्रम के बीच बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी अपना केरल दौरा स्थगित कर दिया है।
नीतीश कुमार 2005 से बिहार के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने ने गुरुवार को बिहार जेडीयू अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और संजय झा और ललन सिंह समेत पार्टी के दूसरे नेताओं के साथ बैठक की।
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP और उसके सहयोगियों JDU और LJP ने बिहार की 40 में से 39 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की और गठबंधन 2020 के राज्य विधानसभा चुनावों में बहुमत के साथ सत्ता में लौट आया।