Arvind Kejriwal Bail News: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (13 सितंबर) को आबकारी नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की CBI द्वारा की गई गिरफ्तारी पर कड़ी टिप्पणी की। शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो को यह दिखाना होगा कि वह अब पिंजरे में बंद तोता नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह धारणा बदलनी चाहिए कि सीबीआई पिंजरे में बंद तोता है। जस्टिस उज्ज्वल भुइयां ने कहा, "सीबीआई को ऐसी धारणा दूर करनी चाहिए कि वह पिंजरे में बंद तोता है। उसे दिखाना चाहिए कि वह पिंजरे में बंद तोता नहीं है।" जस्टिस भुइयां ने यह भी कहा कि केजरीवाल के गोलमोल जवाबों का हवाला देकर सीबीआई गिरफ्तारी को उचित नहीं ठहरा सकती और हिरासत में रखे नहीं रह सकती।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई की गिरफ्तारी "अनुचित" थी। जस्टिस उज्ज्वल भुइयां (Justice Ujjal Bhuyan) ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) मामले में रिहाई के समय केजरीवाल को गिरफ्तार करने की सीबीआई की जल्दबाजी समझ से परे है। जबकि 22 महीने तक उसने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया। पीठ ने कहा कि ईडी मामले में केजरीवाल पर लगाई गई शर्तें घोर आपत्तिजनक हैं, जो उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में एंट्री करने से रोकती हैं।
बता दें कि शराब नीति केस में सीबीआई मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को शर्तों के साथ जमानत मिल गई है। AAP प्रमुख को पहले प्रवर्तन निदेशालय मामले में जमानत दी गई थी। फैसला सुनाते हुए जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भुइयां की पीठ ने ED मामले में जमानत मिलने से ठीक पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए सीबीआई पर सवाल उठाए। पीठ ने कहा कि एजेंसी को "पिंजरे में बंद तोता" होने की धारणा को दूर करना चाहिए।
जस्टिस उज्ज्वल भुइयां ने कहा कि सहयोग न करने का मतलब आत्म-दोषारोपण नहीं हो सकता। उन्होंने सीबीआई द्वारा केजरीवाल को गिरफ्तार किए जाने के समय पर सवाल उठाया। जस्टिस भुइयां ने कहा कि एजेंसी का उद्देश्य ईडी मामले में उन्हें जमानत दिए जाने में बाधा डालना था।
शीर्ष अदालत ने केजरीवाल को मामले के बारे में कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि ईडी मामले में लागू नियम व शर्तें इस मामले में भी लागू रहेंगी। शीर्ष अदालत ने ईडी मामले में उन्हें जमानत देते हुए कहा था कि केजरीवाल अपने कार्यालय या दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते। वहीं, जब किसी बहुत जरूरी मामले में ऐसा करना हो तो उन्हें उपराज्यपाल से मंजूरी लेनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर कहा कि जांच के उद्देश्य से किसी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार करने में कोई बाधा प्रतीत नहीं होती, जो पहले से ही किसी अन्य मामले में हिरासत में हो। शीर्ष अदालत ने यह भी दोहराया कि "जमानत नियम है और जेल अपवाद है"। शीर्ष अदालत ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत देते समय भी इसी तरह की टिप्पणी की थी।
आम आदमी पार्टी (AAP) ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में जमानत मिलने पर सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया। आप ने इसे 'सच्चाई की जीत' करार दिया। आबकारी नीति से संबंधित सीबीआई के मामले में केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल जाने से अब उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। केजरीवाल को आबकारी नीति से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मामले में शीर्ष अदालत से पहले ही अंतरिम जमानत मिल चुकी है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में आप ने लिखा, "सत्यमेव जयते।" हरियाणा में चुनाव की तैयारी कर रही आम आदमी पार्टी के लिए तिहाड़ जेल से केजरीवाल की रिहाई पार्टी को मजबूत करने में मददगार साबित होगी। दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी आबकारी नीति से संबंधित ईडी और सीबीआई के मामलों में हाल में जमानत मिली है।
सिसोदिया ने X पर पोस्ट किया, "झूठ और साजिशों के खिलाफ लड़ाई में आज पुन: सत्य की जीत हुई है। एक बार पुनः नमन करता हूं बाबा साहेब आंबेडकर की सोच और दूरदर्शिता को, जिन्होंने 75 साल पहले ही आम आदमी को किसी भावी तानाशाह के मुकाबले मजबूत कर दिया था।" पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने इस फैसले पर शीर्ष अदालत का आभार जताया।
दिल्ली की मंत्री आतिशी ने X पर एक पोस्ट में लिखा, "सत्यमेव जयते। सच को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं।" AA के राज्यसभा सदस्य हरभजन सिंह ने भी केजरीवाल की रिहाई का स्वागत किया और कहा, "वह जनता की सेवा में खुद को समर्पित करते रहेंगे।"