Delhi Political Crisis: क्या राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगने वाला है? यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को बर्खास्त करने की मांग करने वाली दिल्ली बीजेपी की अपील वाले पत्र को गृह मंत्रालय के समक्ष भेज दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, सचिवालय का कहना है कि इसपर उचित ध्यान देने की जरूरत है। राष्ट्रपति सचिवालय ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के इस दावे को गृह सचिव के पास भेज दिया है कि दिल्ली संवैधानिक संकट का सामना कर रही है। 30 अगस्त को राजधानी में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली बीजेपी विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की थी।
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने सोमवार (9 सितंबर) को कहा कि संविधान के कथित उल्लंघन के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को बर्खास्त किए जाने की मांग को लेकर बीजेपी विधायकों द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा गया ज्ञापन गृह मंत्रालय को भेज दिया गया है।
गुप्ता ने एक बयान में दावा किया कि दिल्ली सरकार द्वारा छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन न करना तथा कैग रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई न करना 'संविधान का उल्लंघन' है। बीजेपी विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने 30 अगस्त को राष्ट्रपति से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा।
इससमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने के कारण 'दिल्ली में उत्पन्न संवैधानिक संकट के बीच तत्काल हस्तक्षेप' करने का आग्रह किया गया। गुप्ता ने राष्ट्रपति सचिवालय से प्राप्त एक पत्र को शेयर करते हुए कहा, "राष्ट्रपति ने ज्ञापन का संज्ञान लेते हुए उसे गृह सचिव को भेज दिया है।"
'तत्काल और उचित कार्रवाई' करने की अपील
बीजेपी नेता ने कहा कि उन्होंने गृह सचिव से इस मामले पर 'तत्काल और उचित कार्रवाई' करने का आग्रह किया है। भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने से दिल्ली में "संवैधानिक संकट" पैदा हो गया है।
राष्ट्रपति को दिए ज्ञापन में दिल्ली की प्रशासनिक व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए कहा गया है कि आबकारी नीति घोटाले से संबंधित गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों में सीएम केजरीवाल चार महीने से अधिक समय से जेल में हैं। तिहाड़ में होने के बावजूद, केजरीवाल ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है, जिससे एक गंभीर स्थिति पैदा हो गई है।
भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि इसी कारण दिल्ली में प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। ज्ञापन में आगे कहा गया था कि महत्वपूर्ण प्रशासनिक निर्णयों में देरी हो रही है। आवश्यक सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हैं, जिसका खामियाजा दिल्ली की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।