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'द्रौपदी मेरा असली नाम नहीं...' द्रौपदी मुर्मू ने सुनाई अपने नाम के पीछे की पूरी कहानी, जानें नई राष्ट्रपति का असल नाम

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने एक मैगजीन से कहा था, द्रौपदी मेरा असली नाम नहीं था। मेरा यह नाम दूसरे जिले के एक शिक्षक ने रखा था, जो मेरे पैतृक जिले मयूरभंज के नहीं थे

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 25, 2022 पर 3:16 PM
'द्रौपदी मेरा असली नाम नहीं...' द्रौपदी मुर्मू ने सुनाई अपने नाम के पीछे की पूरी कहानी, जानें नई राष्ट्रपति का असल नाम
द्रौपदी मुर्मू ने सुनाई अपने नाम के पीछे की पूरी कहानी

द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने सोमवार को भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ (President Oath) ली। मुर्मू देश के सबसे बड़े पद पर कायम होने वाली पहली आदिवासी नेता हैं। PTI के मुताबिक, उन्होंने खुलासा किया कि 'द्रौपदी' (Droupadi) उनका असली नाम नहीं है। 'द्रौपदी' नाम दरअसल उनके स्कूल टीचर ने दिया था।

एक ओडिशा की वीडियो मैगजीन को कुछ समय पहले दिए एक इंटरव्यू में मुर्मू ने बताया था कि उनका संथाली नाम ‘पुती’ था, जिसे स्कूल में एक शिक्षक ने बदलकर द्रौपदी कर दिया था। मुर्मू ने मैगजीन से कहा था, "द्रौपदी मेरा असली नाम नहीं था। मेरा यह नाम दूसरे जिले के एक शिक्षक ने रखा था, जो मेरे पैतृक जिले मयूरभंज के नहीं थे।"

उन्होंने बताया था कि आदिवासी बहुल मयूरभंज जिले के शिक्षक 1960 के दशक में बालासोर या कटक दौरे पर जाया करते थे। यह पूछे जाने पर कि उनका नाम द्रौपदी क्यों है उन्होंने कहा था, "शिक्षक को मेरा पुराना नाम पसंद नहीं था और इसलिए बेहतरी के लिए उन्होंने इसे बदल दिया।"

उन्होंने कहा कि उनका नाम ‘दुरपदी’ से लेकर ‘दोर्पदी’ तक कई बार बदला गया। मुर्मू ने बताया कि संथाली संस्कृति में नाम पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ते रहते हैं।

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