Sandeshkhali Row: एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ( Editors Guild of India) ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा ड्यूटी पर तैनात एक टीवी पत्रकार की गिरफ्तारी को "चिंताजनक" बताया। टेलीविजन चैनल 'रिपब्लिक बांग्ला' के पत्रकार शंतु पान को पुलिस सोमवार देर शाम पश्चिम बंगाल के संदेशखाली से उस समय अपने साथ ले गई जब वह लाइव रिपोर्टिंग कर रहे थे। गिल्ड ने कहा, "ड्यूटी के दौरान उनकी गिरफ्तारी चिंताजनक है।"
बयान में कहा गया है कि पुलिस को निश्चित रूप से जांच करनी चाहिए कि पत्रकार पर क्या आरोप लगाए गए हैं। लेकिन जब वह रिपोर्टिंग कर रहे थे उस दौरान उन्हें ले जाना वास्तव में चिंताजनक है। बयान में कहा गया, "एडिटर्स गिल्ड ने पश्चिम बंगाल प्रशासन से तुरंत जांच करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया है कि पान के साथ कोई अन्याय न हो। सरकार को भी प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए।"
कोलकाता प्रेस क्लब ने भी उनकी गिरफ्तारी की निंदा की और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की। कोलकाता प्रेस क्लब ने एक बयान में कहा, "हम उनकी तत्काल रिहाई की मांग करते हैं। यदि उनके खिलाफ कोई विशेष आरोप हैं, तो यह जांच का विषय है। लेकिन कोलकाता प्रेस क्लब ड्यूटी पर तैनात एक पत्रकार की गिरफ्तारी का विरोध करता है।"
पुलिस ने कहा कि पत्रकार को एक स्थानीय महिला के घर में जबरन घुसने की शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पीटीआई से कहा "हमने उसे संदेशखालि इलाके में एक महिला द्वारा दायर शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया है, जिसमें महिला ने आरोप लगाया है कि वह पत्रकार जबरन उसके घर में घुस गया और वीडियो रिकॉर्ड करना शुरु कर दिया, जिसके लिए वह तैयार नहीं थीं।"
संदेशखाली में स्थिति भयावह
कलकत्ता हाई कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद मंगलवार को दोपहर बाद पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली पहुंचे भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पश्चिम बंगाल इकाई के वरिष्ठ नेता सुवेंदु अधिकारी ने संघर्षग्रस्त क्षेत्र की स्थिति को ''भयानक'' तथा ''अराजकता का स्पष्ट उदाहरण'' बताया। एक अन्य विधायक शंकर घोष के साथ पहुंचे अधिकारी ने महिलाओं सहित स्थानीय लोगों से बात की। महिलाओं ने फरार चल रहे शाहजहां शेख सहित तृणमूल कांग्रेस (TMC) के स्थानीय नेताओं द्वारा दिए गए अपने "दर्दनाक" अनुभवों को साझा किया।
BJP नेता नाव से कालिंदी नदी पार कर संदेशखाली पहुंचे, जहां महिलाओं सहित स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, "स्थानीय लोगों द्वारा साझा किए गए अनुभव बेहद दर्दनाक हैं। उनकी जमीनें हड़प ली गईं और महिलाओं का शोषण किया गया। सब कुछ पुलिस और प्रशासन की मदद से हुआ। स्थिति पूरी तरह से भयावह है और इलाके में अराजकता का स्पष्ट उदाहरण है।"