मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता और पश्चिम बंगाल के मुख्य मंत्री ज्योति बसु चाहते थे कि मोरारजी देसाई सरकार को गिरने से बचाया जाए। लेकिन उनकी पार्टी माकपा इसके पक्ष में नहीं थी। नतीजतन सरकार गिर गई। और चरण सिंह की सरकार बन गई। इतना ही नहीं, माकपा ने बाद के वर्षों में अवसर मिलने के बावजूद ज्योति बसु को प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया था।