Khargone Violence: मध्य प्रदेश (MP) के खरगोन (Khargone) शहर में रविवार को रामनवमी के जुलूस पर पथराव, कुछ गाड़ियों और घरों में आगजनी की घटनाओं के बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था। इसके बाद जिला प्रशासन ने खरगोन में कई घरों को अवैध बताते हुए गिरा दिया। सरकार और प्रशासन के इस बुलडोजर एक्शन पर चौतरफा निंदा हो रही है। इस बीच खबर यह आई कि जिन मकानों को प्रशासन ने अवैध बता कर गिराया था, उनमें एक मकान प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत बना था।
पुलिस के मुताबिक, खरगोन हिंसा में करीब 95 लोगों को हिरासत में लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि खरगोन के पुलिस अधीक्षक (SP) सिद्धार्थ चौधरी को हिंसा में गोली लगी। उनके अलावा छह पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 24 लोग घायल हो गए। रविवार को रामनवमी के जुलूस पर पथराव और कुछ घरों और वाहनों में आगजनी की घटनाओं के बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
इसके बाद यूपी की तरह ही मध्य प्रदेश सरकार ने भी बुलडोजर एक्शन लेने का फैसला लिया। प्रशासन का कहना था कि यह सभी मकान अतिक्रमण कर के बनाए गए थे। साथ ही जिन लोगों के यह मकान थे, उनका संबंध पथराव करने वाले आरोपियों से था। प्रशासन ने खरगोन के चार इलाकों में 16 घर और 29 दुकानों को अवैध बताकर तोड़ दिया। इसमें से 12 घर खसखासवाडी इलाके में थे।
सरकार से मिले थे 2.5 लाख रुपए
ऑनलाइन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मकान मालिक हसीना फखरू को PMAY के तहत सरकार से 2.5 लाख रुपए मिले थे। मकान लगभग छह महीने पहले बनकर तैयार हुआ था। फखरू के बेटे अमजद खान ने कहा कि जिला प्रशासन ने सोमवार को बुलडोजर से मकान को सरकारी जमीन पर अवैध बताते हुए ध्वस्त कर दिया।
खान ने कहा कि 2020 तक परिवार प्लॉट पर कच्चे मकान में रह रहा था। 2020 में जब पीएम आवास योजना के तहत मंजूरी मिली, तो उन्होंने पक्का घर बनाया। उन्होंने कहा, "हमें सरकार से 2.5 लाख रुपए मिले और घर बनाने के लिए एक लाख रुपए और बचाए।"
न्यूज एजेंसी IANS के मुताबिक, खान ने कहा कि दीवार पर एक नोट के बावजूद कि यह पीएम आवास योजना के तहत बनाया गया था, उनके घर को ध्वस्त कर दिया गया था।
उन्होंने कहा, "सोमवार की सुबह, नगर निगम के कर्मचारियों की एक टीम बुलडोजर के साथ आई थी। हमने उनसे अनुरोध किया कि वे हमारे घर को न गिराएं, लेकिन उन्होंने नहीं सुना और मिनटों में इसे तोड़ दिया।"
परिवार के दस्तावेज बताते हैं कि बिड़ला मार्ग पर स्थित घर हसीना फाखरू के नाम पर उनके पति की मृत्यु के बाद रजिस्टर्ड किया गया था, जो PM आवास योजना के मूल लाभार्थी थे।
'पैसा देने के समय नहीं बताया कि जमीन सरकारी है'
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकारी अधिकारियों ने घर बनाने और पैसा देने से पहले प्लॉट को वैरिफाई किया था? खान ने कहा, "उस समय उन्होंने यह नहीं कहा कि यह सरकारी जमीन है। अब, जब हमने अपनी मेहनत की कमाई (PMAY के जरिए मिले 2.5 लाख समेत) खर्च की, तो उन्होंने यह कहते हुए घर को तोड़ कर दिया कि यह अवैध रूप से बनाया गया था।"
इस बीच खरगोन शहर में तनावपूर्ण स्थिति के बीच कलेक्टर समेत जिला प्रशासन ने लोगों से मिलने के लिए इलाकों का दौरा किया। रामनवमी के मौके पर सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद से खरगोन शहर में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। इसके बाद राज्य सरकार ने हिंसा में शामिल लोगों की इमारतों को गिराने का आदेश दिया था।