Maharashtra Election 2024: एकनाथ शिंदे और फडणवीस से लेकर अजित पवार तक... महाराष्ट्र में इन दिग्गजों पर रहेगी नजर
Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार समाप्त हो चुका है। 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 सीटों के लिए कुल 4,136 उम्मीदवार मैदान में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी समेत NDA और I.N.D.I.A दोनों गठबंधनों के स्टार प्रचारकों ने अपने-अपने पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया
Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र में सभी 288 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 20 नवंबर को होंगे
Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार का शोर थम गया है। महाराष्ट्र में सभी 288 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 20 नवंबर को होंगे। जबकि मतगणना 23 नवंबर को होगी। 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 सीटों के लिए कुल 4,136 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 2,086 निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल हैं। सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में से भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 149 उम्मीदवार, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 81 उम्मीदवार और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP ने 59 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे हैं। विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) में कांग्रेस ने 101 उम्मीदवार, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने 95 उम्मीदवार और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ने 86 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।
राज्य में चुनाव प्रचार अभियान कल्याणकारी पहलों और विकास जैसे मुद्दों के साथ शुरू हुआ था। लेकिन जैसे-जैसे यह आगे बढ़ा तो राजनीतिक रैलियों तथा सभाओं में 'वोट जिहाद', 'धर्म युद्ध', 'संविधान खतरे में' जैसे नारे लगने लगे। मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी, अजित पावर की NCP के गठबंधन वाली 'महायुति' सरकार चुनावों से पहले महिलाओं के लिए अपनी 'लाडकी बहिन योजना' के सहारे मतदाताओं को साधने में लगी है। लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद शिंदे सरकार ने कई कल्याणकारी पहल शुरू की। इनमें 'मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना' भी शामिल है, जिसके तहत महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये दिए जाते हैं।
ये हैं प्रमुख उम्मीदवार
- नागपुर साउथ वेस्ट में देवेंद्र फडणवीस (बीजेपी) VS प्रफुल्ल गुडधे (कांग्रेस): नागपुर वह जगह है जहां से महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस 1997 में सबसे युवा मेयर बने थे। उसके बाद 1999 से लगातार पांच बार विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं। अब वहां के लोग उन्हें सीएम या बीजेपी प्रमुख के रूप में देखना चाहते हैं। बीजेपी के दिग्गज नेता का मुकाबला कांग्रेस के प्रफुल्ल गुडधे से होगा। प्रफुल्ल गुडधे को उम्मीद है कि सत्ता विरोधी लहर उन्हें जीतने में मदद करेगी।
- कोपरी-पचपाखड़ी में एकनाथ शिंदे (शिवसेना) Vs केदार दिघे (शिवसेना UBT): अपने गुरु स्वर्गीय आनंद दिघे के भतीजे केदार के खिलाफ खड़े होकर एकनाथ शिंदे को ठाणे में कोपरी-पचपाखड़ी के अपने गढ़ को बचाने का भरोसा है। शिंदे पहली बार 2004 में ठाणे से विधायक चुने गए थे। कोपरी-पचपाखड़ी विधानसभा सीट बनने के बाद उन्होंने 2009, 2014 और 2019 में लगातार तीन बार जीत हासिल की। जबकि शिंदे का कहना है कि वह दिघे की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। यूबीटी के ठाणे जिला प्रमुख केदार का नाम क्षेत्र के मतदाताओं के बीच गूंज सकता है।
- बारामती में अजित पवार (NCP) Vs युगेंद्र पवार (एनसीपी शरद पवार): NCP के अजित पवार और शरद पवार गुटों में विभाजित होने के बाद लोकसभा चुनावों में पवारों के बीच मुकाबला देखने को मिला, जिसमें शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार के खिलाफ जीत हासिल की। अब, बारामती के वफादार चेहरे और डिप्टी सीएम अजित पवार अपने भतीजे युगेंद्र से मुकाबला करेंगे, जो उनके छोटे भाई श्रीनिवास उर्फ बापू के बेटे हैं। उन्हें पवार सीनियर का समर्थन प्राप्त है। जबकि अजित पवार को गढ़ को बचाने का भरोसा है। वहीं सुले पवार सीनियर की एक और जीत सुनिश्चित करने के लिए युगेंद्र के पीछे अपना पूरा ज़ोर लगा रही हैं।
- वर्ली में आदित्य ठाकरे (शिवसेना UBT) Vs मिलिंद देवड़ा (एक नाथ शिंदे की सेना): 2019 में आदित्य ठाकरे मुंबई की सीट से चुनाव लड़कर चुनावी राजनीति में उतरने वाले अपने परिवार के पहले व्यक्ति बने। तब एनसीपी समर्थित सुरेश माने के खिलाफ जीत आसान थी, लेकिन इस बार उनका सामना शिंदे सेना के मिलिंद देवड़ा से है। हालांकि ठाकरे अपने पिता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शुरू की गई पहलों पर आश्वस्त हैं, जिसमें बीडीडी चॉल पुनर्विकास और वर्ली-सिवरी परियोजना शामिल है। देवड़ा को "बलि का बकरा" कहा जा रहा है। पूर्व कांग्रेस नेता और केंद्रीय राज्य मंत्री देवड़ा इस साल लोकसभा चुनाव से पहले सेना में शामिल हुए और बाद में राज्यसभा के लिए चुने गए। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के संदीप देशपांडे भी मैदान में हैं।
- कुडाल के कंकावली में राणे बनाम शिवसेना यूबीटी: 2005 में, तत्कालीन विपक्ष के नेता और पूर्व सीएम नारायण राणे ने उद्धव ठाकरे के साथ लंबी खींचतान के बाद शिवसेना छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए। 2014 में, राणे को शिवसेना के वैभव नाइक ने कुडाल के अपने निर्वाचन क्षेत्र में हराया था। अब, राणे, जो भाजपा में शामिल हो गए हैं, शिवसेना (यूबीटी) के दो बार के सांसद विनायक राउत को हराकर रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग से लोकसभा के लिए चुने गए हैं। अब, राणे के बेटे लड़ाई को आगे ले जा रहे हैं। उनके बड़े बेटे नीलेश, एक पूर्व सांसद, जो शिंदे सेना में शामिल हो गए हैं, कुडाल में यूबीटी से वैभव नाइक का मुकाबला करेंगे। पड़ोसी कंकावली में, राणे के छोटे बेटे नितेश शिवसेना (यूबीटी) के संदेश पारकर के खिलाफ हैट्रिक की तलाश में हैं।
- बांद्रा ईस्ट में जीशान सिद्दीकी (NCP) Vs वरुण सरदेसाई (सेना यूबीटी): मुंबई की इस सीट पर उद्धव ठाकरे के भतीजे वरुण सरदेसाई का मुकाबला जीशान सिद्दीकी से है। वह अपने पिता और एनसीपी अजित पवार के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद सहानुभूति फैक्टर पर सवार हैं। मुस्लिम बहुल इस सीट पर अपने पूरे अभियान के दौरान जीशान अपने पिता के लिए न्याय की मांग करते रहे हैं। बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) वाली यह सीट ठाकरे परिवार के लिए खास तौर पर महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहीं मातोश्री है। MNS ने पूर्व शिवसेना (यूबीटी) विधायक तृप्ति सावंत को मैदान में उतारा है, जबकि शिंदे सेना के कुणाल सरमालकर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।
- माहिम में अमित ठाकरे (MNS) Vs महेश सावंत (सेना यूबीटी) vs सदा सरवणकर (शिंदे सेना): इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। शिंदे सेना के सरवणकर बनाम यूबीटी के महेश सावंत का मुकाबला अपने आप में दिलचस्प था, लेकिन मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित के शामिल होने से मुकाबला हाई-वोल्टेज हो गया। यहां अमित ठाकरे जोर शोर से चुनाव प्रचार कर रहे हैं। इस सीट पर MNS प्रमुख राज ठाकरे की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। तीनों में से किसी भी पार्टी के लिए यह सीट जीतना बाल ठाकरे की विरासत पर पकड़ को मजबूत करेगा।
- मुंबादेवी में शाइना एनसी (शिंदे सेना) Vs अमीन पटेल (कांग्रेस): बीजेपी नेता शाइना एनसी को शिंदे की शिवसेना ने सरप्राइज पिक किया था, लेकिन उनकी उम्मीदवारी ने निर्वाचन क्षेत्र में हलचल मचा दी है। मुस्लिम बहुल इस निर्वाचन क्षेत्र में अमीन पटेल 2009 से अपराजित हैं। 2019 में पटेल ने शिवसेना (अविभाजित) के उम्मीदवार पांडुरंग सकपाल को करीब 23,000 वोटों से हराया था।