Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण के लिए होने वाले मतदान से पहले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। हालांकि, कांग्रेस की फजीहत के बाद उन्होंने बाद में अपने बयान के लिए माफी भी मांग ली। कांग्रेस पार्टी को भी मामले में सफाई देनी पड़ी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) अब हमलावर हो गई है। दरअसल, मणिशंकर अय्यर ने 1962 में हुए चीन के आक्रमण के लिए गलती से 'कथित' शब्द का इस्तेमाल करने के लिए मंगलवार (28 मई) को माफी मांगी।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसे "संशोधनवाद (रिवीजनिज्म) का निर्लज्ज प्रयास" करार दिया। अय्यर ने फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब में एक कार्यक्रम के दौरान किस्सा सुनाते हुए कहा था कि अक्टूबर 1962 में चीनियों ने 'कथित तौर' पर भारत पर आक्रमण किया था।
अय्यर के बयान को बीजेपी ने संशोधनवाद का निर्लज्ज प्रयास बताया। वहीं, कांग्रेस ने अपने नेता की इस टिप्पणी से खुद को दूर कर लिया। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि अय्यर के बिना शर्त माफी मांगने के बाद ये मुद्दा खत्म हो जाना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अय्यर ने बाद में 'गलती से' 'कथित आक्रमण' शब्द का इस्तेमाल करने के लिए स्पष्ट रूप से माफी मांगी है, और पार्टी 'मूल शब्दावली' से खुद को अलग करती है। रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मई 2020 में चीन की घुसपैठ के लिए उसे 'क्लीन चिट' देने का भी आरोप लगाया।
'फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब' में एक कार्यक्रम के कथित वीडियो के अनुसार, अय्यर ने एक किस्सा सुनाते हुए कहा, "...अक्टूबर 1962 में, चीनियों ने कथित तौर पर भारत पर आक्रमण किया।" अय्यर ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, "आज शाम 'चीनी आक्रमण' से पहले गलती से 'कथित' शब्द का इस्तेमाल करने के लिए मैं पूरी तरह से माफी मांगता हूं।" पीटीआई के मुताबिक, अतीत में अपनी टिप्पणियों से विवादों को जन्म दे चुके अय्यर ने यह टिप्पणी एक पुस्तक "नेहरूज़ फर्स्ट रिक्रूट्स" के विमोचन के मौके पर की।
बीजेपी के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने अय्यर की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, "मणिशंकर अय्यर ने नेहरूज फर्स्ट रिक्रूट्स नामक पुस्तक के विमोचन के दौरान एफसीसी में बोलते हुए 1962 में चीनी आक्रमण को 'कथित' बताया। यह 'रिवीजनिज्म' का एक निर्लज्ज प्रयास है।"
उन्होंने आरोप लगाया, "नेहरू ने चीन के पक्ष में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट पर भारत का दावा छोड़ दिया, राहुल गांधी ने एक गुप्त समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, राजीव गांधी फाउंडेशन ने चीनी दूतावास से धन लिया और चीनी कंपनियों के लिए बाजार पहुंच की सिफारिश करते हुए रिपोर्ट प्रकाशित की, उनके आधार पर, सोनिया गांधी की संप्रग ने चीनी सामानों के लिए भारतीय बाजार खोल दिया, जिससे एमएसएमई को नुकसान पहुंचा और अब कांग्रेस नेता अय्यर चीनी आक्रमण पर लीपा-पोती करना चाहते हैं, जिसके बाद से चीन ने 38,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है।"
मालवीय ने सवाल किया, "कांग्रेस का चीनियों के प्रति प्रेम" क्या दर्शाता है? विवाद के मद्देनजर रमेश ने सफाई दी, "उनकी (अय्यर की) उम्र को ध्यान में रखा जाना चाहिए। कांग्रेस उनके मूल कथन से खुद को अलग करती है।"