One Nation-One Election Bill: 'वन नेशन वन इलेक्‍शन' बिल लोकसभा में पेश, कांग्रेस-सपा समेत विपक्षी पार्टियों ने जताया विरोध

One Nation-One Election Bill: कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार (17 दिसंबर) को देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने के प्रावधान वाले 'संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024' और उससे जुड़े 'संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024' को पुर:स्थापित करने के लिए संसद के निचले सदन में रखा। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' संबंधी सरकार के विधेयक पर आपत्ति जताते हुए लोकसभा में कहा कि यह संविधान के बुनियादी ढांचे पर हमला करता है

अपडेटेड Dec 17, 2024 पर 12:44 PM
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One Nation-One Election Bill: विपक्ष ने कहा कि 'वन नेशन वन इलेक्‍शन' बिल संविधान की मूल भावनाओं को खत्म करने का प्रयास है

One Nation-One Election Bill: लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने संबंधी विधेयक 'वन नेशन वन इलेक्‍शन' बिल को संसद में पेश कर दिया गया है। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार (17 दिसंबर) को भारत में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले 'संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024' और उससे जुड़े 'संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024' को पुर:स्थापित करने के लिए संसद के निचले सदन लोकसभा में रखा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने का पिछले सप्ताह फैसला किया था। लेकिन इस पर अभी निर्णय नहीं लिया गया है कि स्थानीय निकाय चुनाव कैसे होंगे।

'एक राष्ट्र एक चुनाव' पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, "'एक राष्ट्र एक चुनाव' देश के प्रगति के लिए है। 5 साल में एक बार चुनाव होगा। पहले भी ऐसे ही था। 1952 से पहले बहुत दशकों तक चुनाव ऐसे ही होते थे। कांग्रेस ने आर्टिकल 350 का उपयोग करके विधानसभा को भंग किया..इस पर बात करें लेकिन सिर्फ विरोध के लिए विरोध करना ठीक नहीं है।"

विपक्ष ने जताया विरोध


कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' संबंधी सरकार के विधेयक पर आपत्ति जताते हुए लोकसभा में कहा कि यह संविधान के बुनियादी ढांचे पर हमला करता है। उन्होंने कहा कि इस सदन के विधायी अधिकार क्षेत्र से परे है, इसलिए इसे वापस लिया जाना चाहिए।

वहीं, सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने लोकसभा में कहा कि यह विधेयक संविधान की मूल भावनाओं को खत्म करने और देश को तानाशाही की ओर ले जाने का प्रयास है, इसे वापस लिया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की अवधारणा के क्रियान्वयन के लिए संवैधानिक संशोधन विधेयक को 12 दिसंबर को मंजूरी दे दी थी। संसद का वर्तमान शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त होगा।

कांग्रेस ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने संबंधी विधेयक लोकसभा में पेश किए जाने के मद्देनजर अपने सांसदों को व्हिप जारी कर आज यानी मंगलवार को सदन में उपस्थित रहने को कहा है। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के लोकसभा सदस्यों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया गया है, जिसमें मंगलवार की महत्वपूर्ण कार्यवाही के लिए सदन में उनकी उपस्थिति अनिवार्य की गई है।

वन नेशन वन इलेक्शन पर सांसद और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद ने कहा कि यह संघीय ढांचे पर हमला है। यह राज्य सरकारों की शक्ति को कम करता है...हम संविधान को मानने वाले लोग हैं...हम इसका विरोध करेंगे।

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, "यह भारत के संविधान और नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर एक हमला है जिसका पुरजोर विरोध कांग्रेस पार्टा और INDIA गठबंधन करेगा। यह बिल भाजपा की मंशा व्यक्त करता है कि वो किस प्रकार से भारत के चुनाव की निष्पक्षता को छिनने की कोशिश कर रहे हैं...भारत में निष्पक्ष चुनाव की हमारी मांग है।"

वहीं, मनीष तिवारी ने संसद के बाहर पत्रकारों कहा, "ये संविधान के मूलभूत ढांचे के खिलाफ है। संविधान की जो मूलभूत भावना है कि हमारा जो संघीय ढांचा है वो संघीय ढांचे में केंद्र और राज्य बराबर के हिस्सेदार हैं ये बिल पूरी तरह से इसके खिलाफ है इसलिए हम शुरू से इसका विरोध करते आ रहे हैं।"

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तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता कल्याण बनर्जी ने एक साथ चुनाव कराने संबंधी विधेयक पर कहा कहा कि यह चुनावी सुधार नहीं है, एक व्यक्ति की महत्वाकांक्षाओं और सपनों को पूरा करने का प्रयास है तथा संविधान के मूल ढांचे पर हमला है; इस विधेयक से विधानसभाओं की स्वायत्तता छिन जाएगी।

Akhilesh

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First Published: Dec 17, 2024 12:38 PM

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