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Budget 2024: पीएम मोदी ने बताया कैसा होगा 23 जुलाई को पेश होने वाला बजट, इन मुद्दों पर रहेगा फोकस

Parliament Budget Session 2024: पीएम मोदी सोमवार को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले पिछले सत्रों को बाधित करने के लिए विपक्ष पर निशाना साधा। पीएम ने सांसदों से सभी राजनीतिक दलों से अगले पांच साल तक देश के लिए मिलकर लड़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि गत तीन वर्षों से लगातार 8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ देश आगे बढ़ रहा है

अपडेटेड Jul 22, 2024 पर 3:36 PM
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Budget Session 2024: पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरे देश की नजर संसद पर है। यह एक सकारात्मक सत्र होना चाहिए

Parliament Budget Session 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (22 जुलाई) को सभी राजनीतिक दलों से देश के प्रति समर्पित होकर संसद का उपयोग करने का आह्वान किया। संसद के मानसून सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि मंगलवार (23 जुलाई) को संसद में पेश किया जाने वाला बजट सरकार के पांच साल के कार्य की दिशा तय करेगा। पीएम मोदी सोमवार को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले पिछले सत्रों को बाधित करने के लिए विपक्ष पर निशाना साधा। पीएम ने सांसदों से सभी राजनीतिक दलों से अगले पांच साल तक देश के लिए मिलकर लड़ने का आग्रह किया।

पीएम मोदी ने कहा, "कल हम जो बजट पेश करेंगे, वह अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट है। हमें पांच साल का जो अवसर मिला है, यह बजट ​हमारे उन पांच साल की दिशा तय करेगा। यह बजट 2047 के विकसित भारत के सपने को मजबूती देने वाला होगा। उस सपने को पूरा करने की एक मजबूत नींव वाला बजट लेकर हम कल देश के सामने आएंगे।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि हर देशवासी के लिए यह बड़े गर्व की बात है कि भारत बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाला देश है। उन्होंने कहा कि गत तीन वर्षों से लगातार आठ प्रतिशत की वृद्धि के साथ देश आगे बढ़ रहा है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अत्यंत गर्व का विषय है कि करीब 60 साल के बाद कोई सरकार तीसरी बार सत्ता में वापस आई है और तीसरी पारी का पहला बजट उसे रखने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा, "भारत के लोकतंत्र की गौरव यात्रा की एक अत्यंत गरिमापूर्ण घटना के रूप में देश इसे देख रहा है। यह बजट सत्र है। मैं देशवासियों को जो गारंटी देता रहा हूं, हमें उन गारंटियों को जमीन पर उतारना है और इस लक्ष्य को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं।"

विपक्ष पर बोला हमला

लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों की लड़ाई का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अब इसे पीछे छोड़कर आने वाले पांच वर्ष के लिए सभी को देश की खातिर एक साथ मिलजुलकर लड़ना है।

उन्होंने कहा, "मैं सभी राजनीतिक दलों से कहूंगा कि हम आने वाले चार, साढ़े चार साल दलगत सोच से ऊपर उठकर, सिर्फ और सिर्फ देश को समर्पित होकर संसद के इस गरिमापूर्ण मंच का उपयोग करें।"

उन्होंने कहा कि 2029 में जब लोकसभा चुनाव आएगा, तब उस चुनावी वर्ष में उन्हें जो 'खेल खेलना' होगा वह खेल लें, लेकिन तब तक सिर्फ और सिर्फ देश, देश के किसान, गरीब, युवा और महिलाओं को सशक्त करने के लिए जन भागीदारी का एक जन आंदोलन खड़ा करें।

प्रधानमंत्री ने संसद के पिछले सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान विपक्षी सदस्यों द्वारा हंगामा और शोरगुल किए जाने का उल्लेख किया और कहा कि कुछ दलों की नकारात्मक राजनीति ने देश के, संसद के महत्वपूर्ण समय का, एक प्रकार से अपनी राजनीतिक विफलताओं को ढकने के लिए दुरुपयोग किया।

'जनता ने सरकार को सेवा करने का हुक्म दिया'

पीएम मोदी ने कहा, "जो पहले सत्र हुआ था... 140 करोड़ देशवासियों ने बहुमत के साथ जिस सरकार को सेवा करने का हुक्म दिया, उसकी आवाज को कुचलने का अलोकतांत्रिक प्रयास हुआ। ढाई घंटे तक देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने का, उनकी आवाज को रोकने का, उनकी आवाज को दबाने का... लोकतांत्रिक परंपराओं में कोई स्थान नहीं हो सकता है।"

उन्होंने कहा कि हंगामा करने वाले सदस्यों को इसका पश्चाताप तक नहीं है और ना ही उनके दिल में कोई दर्द है। उन्होंने कहा, "देशवासियों ने हमें यहां देश के लिए भेजा है, दल के लिए नहीं भेजा है। यह सदन दल के लिए नहीं, यह सदन देश के लिए है।"

आर्थिक समीक्षा 2023-24 संसद में पेश

सरकार ने सोमवार को संसद के दोनों सदनों में वित्त वर्ष 2023-24 की आर्थिक समीक्षा पेश की। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद स्पीकर ओम बिरला की अनुमति से आर्थिक समीक्षा की प्रति सदन के पटल पर रखी। आर्थिक समीक्षा (सर्वे) सरकार द्वारा केंद्रीय बजट से पहले पेश किया जाने वाला वार्षिक दस्तावेज है जिसमें अर्थव्यवस्था की स्थिति की निष्पक्ष समीक्षा होती है।

वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक संभाग द्वारा आर्थिक समीक्षा तैयार की जाती है। इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार किया जाता है। देश में पहली बार आर्थिक समीक्षा 1950-1951 में पेश की गई थी जब यह बजट दस्तावेजों का ही हिस्सा होती थी। इसे 1960 के दशक में बजट से अलग किया गया और बजट पेश करने से एक दिन पहले संसद में प्रस्तुत किया जाने लगा।

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वित्त मंत्री सीतारमण मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करेंगी। उच्च सदन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लंच टाइम के बाद बैठक शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ की अनुमति से आर्थिक समीक्षा 2023-24 की प्रति सभा के पटल पर रखी।

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