Parliament Session: राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान 1 जुलाई को लोकसभा में दिए गए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के भाषण के कुछ विवादास्पद अंश हटा दिए गए हैं। राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में जोरदार भाषण दिया था। हटाए गए अंश में हिंदुओं और कुछ दूसरे धर्मों पर उनकी टिप्पणियां शामिल हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता (LOP) के रूप में राहुल गांधी का सोमवार को पहला भाषण था। इस दौरान सदन में भारी हंगामा हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में सोमवार दोपहर को दिए गए राहुल गांधी के भाषण पर जोरदार पलटवार करते हुए कांग्रेस सांसद पर सभी हिंदुओं का अपमान करने का आरोप लगाया।
अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद ने संविधान की एक कॉपी और भगवान शिव की तस्वीर लहराई। इस दौरान उन्होंने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर निशाना साधा।
राहुल गांधी द्वारा हिंदुओं का उल्लेख करने पर BJP सांसदों ने कड़ा विरोध किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस दौरान हस्तक्षेप किया। कांग्रेस सांसद को टोकते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, "पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहना बहुत गंभीर मामला है।"
गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद से BJP को हिंसा से जोड़ने के लिए माफी मांगने की मांग की। गृह मंत्री ने राहुल गांधी द्वारा भारतीय जनता पार्टी को 'हिंसक हिंदुओं' की उपमा दिए जाने पर भी कड़ी आपत्ति जताई और कांग्रेस नेता से माफी मांगने को कहा।
राहुल गांधी के बयान से भारी हंगामा
राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाये गए धन्यवाद प्रस्ताव पर विपक्ष की ओर से चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि हिंदू कभी हिंसा नहीं कर सकता, कभी नफरत और डर नहीं फैला सकता। उन्होंने बीजेपी पर युवाओं, छात्रों, किसानों, मजदूरों, दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों में डर पैदा करने का आरोप भी लगाया।
उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग अल्पसंख्यकों को डराते हैं और उनके खिलाफ नफरत फैलाते हैं। लेकिन अल्पसंख्यक इस देश के साथ चट्टान की तरह मजबूती से खड़े रहे हैं, उन्होंने दुनिया भर में भारत का नाम रोशन किया है और वे देशभक्त हैं।
सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक के बीच राहुल गांधी ने कहा, "ये अहिंसा का देश है, ये डर का देश नहीं है। भगवान शिव कहते हैं- डरो मत, डराओ मत। वे अहिंसा की बात करते हैं....।" इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल से कहा, "आप नेता प्रतिपक्ष हैं। इसका ध्यान रखें कि किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचे।"
कांग्रेस नेता के भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) के कुछ अन्य नेताओं ने अलग-अलग बिंदुओं को लेकर आपत्ति दर्ज कराई तथा नेता प्रतिपक्ष पर सदन को गुमराह करने एवं गलत बयानी करने का आरोप लगाया।
शाह ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से कहा कि राहुल गांधी द्वारा की गई बातों का सत्यापन किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना...यह बहुत गंभीर विषय है।"
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "नेता विपक्ष ने कहा है कि जो अपने आपको हिंदू कहते हैं वे...करते हैं। इन्हें मालूम नहीं है कि करोड़ों लोग अपने आप को गर्व से हिंदू कहते हैं, क्या वे सभी लोग हिंसा करते हैं। उन्हें (राहुल) माफी मांगनी चाहिए।"
सदन में भारी शोर-शराबे के बीच बिरला ने राहुल गांधी से कहा कि उन्हें सदन में अपनी बात रखते समय पूरा ध्यान रखना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने सदन में भगवान शिव की तस्वीर दिखाई और कहा कि शंकर भगवान से सच, साहस और अहिंसा की प्रेरणा मिलती है।