Uddhav Thackeray: शिवसेना (UBT) प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की तबीयत बिगड़ने के बाद सोमवार (14 अक्टूबर) मुंबई के रिलायंस अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे भी मौजूद हैं। सूत्रों के अनुसार, उद्धव ठाकरे के हार्ट में समस्या होने के बाद एंजियोप्लास्टी की गई है। पूर्व सीएम ने हार्ट की कोरोनरी धमनियों में ब्लॉकेज का पता लगाने के लिए रिलायंस अस्तपताल में जांच कराई। बताया जा रहा है कि उन्हें सोमवार सुबह 8 बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
एक सूत्र ने बताया कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (UBT) नेता उद्धव ठाकरे को अस्वस्थ महसूस होने के बाद सोमवार को स्वास्थ्य जांच के लिए मुंबई के रिलायंस अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच के बाद उनकी एंजियोग्राफी सर्जरी करवाई गई। फिलहाल, वह अस्पताल में भर्ती हैं और डॉक्टर्स की टीम उनका देखभाल कर रही है।
न्यूज 18 को एक सूत्र ने पहले बताया था कि उद्धव ठाकरे का एंजियोप्लास्टी काफी परेशान कर रहा था। वर्तमान में उनके हार्ट की धमनियों में रुकावटों की पहचान के लिए टेस्ट किए जा रहे हैं, जिसके बाद एंजियोग्राफी की संभावना है। ऐसा माना जाता है कि ठाकरे को 12 अक्टूबर को मुंबई में आयोजित दशहरा रैली के बाद से बेचैनी महसूस होने लगी थी, जहां उन्होंने सत्तारूढ़ महायुति सरकार और केंद्र के खिलाफ़ एक आक्रामक भाषण दिया था।
शिवसेना (यूबीटी) नेता को 2016 में एंजियोग्राफी कराने के बाद मुंबई के लीलावती अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। ठाकरे ने 20 जुलाई, 2012 को एंजियोप्लास्टी कराने के बाद यह प्रक्रिया अपनाई थी, जब डॉक्टरों ने उनके हार्ट की तीन मुख्य धमनियों में कई रुकावटों के लिए 8 स्टेंट लगाए थे।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने नवंबर 2012 में बाएं पूर्ववर्ती अवरोही धमनी (एलएडी) में रुकावटों को दूर करने के लिए दूसरी एंजियोप्लास्टी करवाई थी। मेडिकल रिपोर्ट से पता चला कि यह लगभग 60 प्रतिशत तक ब्लॉकेज थी।
दशहरा रैली में बीजेपी पर थे आक्रामक
उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन इसलिए तोड़ दिया कि वह उसके हिंदुत्व के संस्करण से सहमत नहीं थे। ठाकरे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से भी सवाल किया कि क्या उसे आज की हाइब्रिड बीजेपी स्वीकार्य है। ठाकरे ने महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यहां शिवाजी पार्क में अपनी पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने अपने पिता और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की विचारधारा को नहीं छोड़ा है।
ठाकरे ने कहा, "मैं आरएसएस और (इसके प्रमुख) मोहन भागवत का सम्मान करता हूं। भागवत कहते हैं कि हिंदुओं को आत्मरक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए। आप यह सब किसके लिए कह रहे हैं जबकि भाजपा सरकार 10 साल से सत्ता में है और उसे फिर से जनादेश मिला है? क्या हिंदुओं को अब भी असुरक्षित महसूस करना चाहिए?"
उन्होंने कहा, "मैं अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहे आरएसएस से कहना चाहता हूं कि वह एक चिंतन शिविर लगाए और आत्मचिंतन करे कि क्या वह वर्तमान भाजपा से सहमत है जो बन गई है। इसमें अन्य राजनीतिक दलों के नेता हैं। मुझे खत्म करने के लिए इसे देशद्रोहियों की बैसाखी चाहिए।"
ठाकरे ने कहा, "मैंने बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों को नहीं छोड़ा बल्कि मैं सिर्फ BJP से अलग हुआ, क्योंकि मैं हिंदुत्व के उसके संस्करण से सहमत नहीं हूं।"ठाकरे ने 2019 में BJP के साथ गठबंधन समाप्त कर दिया था। फिर वह कांग्रेस एवं अविभाजित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के समर्थन से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे।