Budget 2025: पीएम मोदी ने टैक्स कटौती के आइडिया का किया था समर्थन, लेकिन नौकरशाहों को मनाने में लगा समय
Nirmala Sitharaman: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने बजट में आयकर स्लैब में बदलाव के माध्यम से लोगों की जेब में अच्छा पैसा डाला है। उन्होंने यह भी कहा कि आयकर छूट सीमा को सालाना 7 लाख रुपये से 12 लाख रुपये तक बढ़ाने के कारण 1 करोड़ और लोगों को अब कोई टैक्स नहीं देना होगा
Nirmala Sitharaman: आम बजट 2025-26 में नरेंद्र मोदी सरकार ने मध्यम वर्ग का खास ध्यान रखा है
FM Nirmala Sitharaman News: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार (2 फरवरी) को अब्राहम लिंकन को कोट करते हुए आम बजट 2025-26 को 'लोगों द्वारा, लोगों के लिए, लोगों का' बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टैक्स में कटौती के विचार के पूरी तरह समर्थन में थे, लेकिन नौकरशाहों को समझाने में समय लगा। सीतारमण ने एक इंटरव्यू में कहा, "हमने मध्यम वर्ग की आवाज सुनी है, जो ईमानदार करदाता होने के बावजूद अपनी आकांक्षाओं की पूर्ति न होने की शिकायत कर रहे थे।"
निर्मला सीतारमण ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, "प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा था कि वह कुछ करना चाहते हैं। मंत्रालय को पहले सहजता महसूस करनी चाहिए और फिर प्रस्ताव पर आगे बढ़ना चाहिए। इसलिए, बोर्ड को यह विश्वास दिलाने के लिए और अधिक काम करने की जरूरत थी कि टैक्स कलेक्शन में दक्षता आएगी और करदाताओं की आवाज ईमानदार होगी... यह सब काम मंत्रालय का था, प्रधानमंत्री का नहीं।"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की तरह उनकी सरकार ने भी हमेशा विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की आवाज सुनी है। उन्होंने कहा, "…वह (प्रधानमंत्री मोदी) उनसे मिलते हैं, उनसे बातचीत करते हैं, उनकी राय लेते हैं। ठीक उसी तरह जैसे वह सबसे वंचित वर्गों या यूं कहें कि आदिवासियों, विशेषकर कमजोर आदिवासी समूहों से बात करते हैं... जिस तरह राष्ट्रपति जी उनकी समस्याओं के समाधान के लिए बहुत उत्सुक थे, उसी तरह प्रधानमंत्री भी सभी वर्गों की बात सुनते हैं। इसलिए, मैं इस सरकार का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूं, जो सचमुच आवाज सुनती है और जवाब देती है।"
सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में व्यक्तिगत करदाता के लिए आयकर छूट सीमा को मौजूदा के सात लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये सालाना कर दिया है। यानी जिन लोगों की आय 12 लाख रुपये सालाना है, उन्हें अब कोई टैक्स नहीं देना होगा।
सीतारमण ने कहा, "छूट 12 लाख रुपये तक बढ़ने से एक करोड़ और लोगों को कोई आयकर नहीं देना होगा।" उन्होंने कहा, "सरकार ने आयकर दर में बदलाव के माध्यम से लोगों के हाथों में पर्याप्त मात्रा में पैसा दिया है...।"
बजट में 12 लाख रुपये से अधिक आय वाले और नई टैक्स व्यवस्था के तहत ITR दाखिल करने वालों के लिए 2025-26 में अर्जित आय पर टैक्स देनदारी की गणना के लिए टैक्स स्लैब को संशोधित किया गया है।सीतारमण ने कहा, "हमने मध्यम वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिए कर दरें कम की हैं।"
वित्त सचिव तुहिन कांत पांडेय ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा कि अगले वित्त वर्ष में टैक्स उछाल यानी सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी में परिवर्तन के संबंध में टैक्स क्लेक्शन में बदलाव का अनुपात 1.42 रहने का अनुमान है जो चालू वित्त वर्ष में दो प्रतिशत से कम है।
पांडेय ने कहा, "हमने कर छूट के कारण राजस्व में होने वाले नुकसान को देखते हुए कर राजस्व में मध्यम स्तर पर उछाल का अनुमान लगाया है।" उन्होंने कहा, "75 प्रतिशत आयकर दाखिल करने वाले पहले ही नई आयकर व्यवस्था में आ चुके हैं। हम उम्मीद करते हैं कि प्रत्येक करदाता अंततः नई टैक्स व्यवस्था को अपनाएगा।"