Budget 2025 Highlights in Hindi: बजट में अगली पीढ़ी के सुधारों पर जोर, 1 करोड़ और लोग टैक्स के दायरे से हो जाएंगे बाहर
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सुस्त पड़ती आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से एक तरफ जहां मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये की सालाना आय पर इनकम टैक्स छूट की घोषणा की है। वहीं, दूसरी तरफ बीमा क्षेत्र में FDI सीमा बढ़ाने समेत अगली पीढ़ी के सुधारों को तेज करने का प्रस्ताव किया है। सीतारमण की इस घोषणा से करीब एक करोड़ और लोग टैक्स के दायरे से बाहर हो जाएंगे। चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर चार साल के निचले स्तर 6.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है।
बजट में विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चार इंजन कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात को चिन्हित किया गया है। सीतारमण ने नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय को पूरी तरह से आयकर से छूट देने की घोषणा की। साथ ही कर स्लैब में भी बदलाव किया है। आयकर छूट नई टैक्स व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले आयकरदाताओं को मिलेगी।
वेतनभोगी करदाताओं के लिए 75,000 रुपये की मानक कटौती के साथ अब 12.75 लाख रुपये पर कोई कर नहीं लगेगा। वित्त मंत्री ने बजट के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 12 लाख रुपये की आय पर टैक्स छूट की घोषणा से करीब एक करोड़ और लोग कर के दायरे से बाहर हो जाएंगे।
सीतारमण ने संसद में 2025-26 का बजट पेश करते हुए कहा, "नई टैक्स व्यवस्था में छूट के माध्यम से मध्यम वर्ग के करों में काफी कमी आएगी। उनके हाथ में अधिक पैसा बचेगा, जिससे घरेलू उपभोग, बचत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।"
उन्होंने कहा, "विकसित भारत की दिशा में लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और मांग हमारे प्रमुख समर्थक स्तंभ हैं। मध्यम वर्ग भारत की वृद्धि को ताकत प्रदान करता है। उनके योगदान को देखते हुए हमने उनके कर के बोझ को समय-समय पर कम किया है।"
इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर टैक्स छूट सीमा को मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। सीतारमण ने लोकसभा में अपना लगातार आठवां बजट पेश करते हुए अगली पीढ़ी के सुधारों का खाका भी पेश किया। उन्होंने बीमा क्षेत्र में FDI (प्रत्यक्ष विदेश निवेश) की सीमा को 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 फीसदी करने के साथ ही कर कानूनों को सरल बनाने का भी प्रस्ताव किया।
उन्होंने कहा कि सरकार टैक्सेशन, शहरी विकास, खनन, वित्तीय क्षेत्र, बिजली और नियामकीय ढांचा जैसे छह क्षेत्रों में सुधारों की शुरुआत करेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार के पिछले 10 साल के विकास के ट्रैक रिकॉर्ड और संरचनात्मक सुधारों ने वैश्विक स्तर पर सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।
वित्त मंत्री ने कहा, "इस बजट का लक्ष्य पहले पांच वर्षों के दौरान छह क्षेत्रों... टैक्सेशन, बिजली क्षेत्र, शहरी विकास, खनन, वित्तीय क्षेत्र और नियामकीय क्षेत्र में परिवर्तनकारी सुधार शुरू करना है। ये हमारी वृद्धि क्षमता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएंगे।"
टैक्स मोर्चे पर सुधार के तहत सीतारमण ने आयकर प्रावधानों के नियमन संबंधी छह दशक पुराने कानून की जगह एक सरल कानून लाने का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि नए आयकर कानून में न्याय की भावना होगी। यह 'पहले विश्वास करो, बाद में जांच करो' के सिद्धांत पर काम करेगा।
उन्होंने बजट में की गई तमाम घोषणाओं के बावजूद राजकोषीय मजबूती की राह को नहीं छोड़ा है। वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटे के अनुमान को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 4.4 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य तय किया गया है।
चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिए सरकार अगले वित्त वर्ष में बाजार से 11.54 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी। वित्त मंत्री ने कैपिटल एक्सपेंडिचर का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार अगले वित्त वर्ष में 11.21 लाख करोड़ रुपये का कैपिटल एक्सपेंडिचर करेगी।
सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये के कैपिटल एक्सपेंडिचर का बजट अनुमान रखा था लेकिन संशोधित अनुमानों के मुताबिक, व्यय 10.18 लाख करोड़ रुपये रहेगा। सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में कुल व्यय 50.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।