Uniform Civil Code: उत्तराखंड आज UCC लागू कर रचेगा इतिहास, समान नागरिक संहिता से बदल जाएंगी ये चीजें

Uniform Civil Code: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार (26 जनवरी) को कहा कि राज्य में सोमवार (27 जनवरी) से बहुचर्चित कानून यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू कर दी जाएगी। इसके साथ ही उत्तराखंड भारत का पहला राज्य होगा, जहां UCC कानून प्रभावी होगा। जानें कानून लागू होते ही राज्य में क्या-क्या बदल जाएगा

अपडेटेड Jan 27, 2025 पर 11:30 AM
Story continues below Advertisement
Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लागू होते ही उत्तराखंड में बहुत सारी चीजें बदल जाएंगी

Uniform Civil Code in Uttarakhand: उत्तराखंड सोमवार (27 जनवरी) को बहुचर्चित कानून यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर इतिहास रचने जा रहा है। इस तरह ऐसा करने वाला उत्तराखंड भारत का पहला राज्य बन जाएगा। समान नागरिक संहिता न केवल पूरे राज्य में लागू होगी, बल्कि यह राज्य से बाहर रहने वाले उत्तराखंड के लोगों पर भी लागू होगी। यह ऐतिहासिक विधेयक सोमवार दोपहर करीब 12:30 बजे लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यूसीसी पोर्टल का अनावरण करेंगे।

उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करना 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा किए गए प्रमुख वादों में से एक था। मार्च में दोबारा सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में यूसीसी प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए उसका मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन पर मुहर लगा दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट की रिटायर जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति गठित की गई थी। इसने लगभग डेढ़ वर्ष में विभिन्न वर्गों से बातचीत के आधार पर चार खंडों में तैयार अपनी विस्तृत रिपोर्ट दो फरवरी 2024 को राज्य सरकार को सौंपी।


रिपोर्ट के आधार पर 7 फरवरी 2024 को राज्य विधानसभा के विशेष सत्र में यूसीसी विधेयक पारित कर दिया गया। उसके एक माह बाद 12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति ने भी उसे अपनी मंजूरी दे दी। सोमवार को यूसीसी लागू होने के बाद उत्तराखंड ऐसा कराने वाला भारत का पहला राज्य बन जाएगा। असम सहित देश के कई राज्य उत्तराखंड के यूसीसी अधिनियम को एक मॉडल के रूप में अपनाने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं।

क्या होगा बदलाव?

उत्तराखंड यूसीसी विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, सहवासी संबंध तथा इनसे संबंधित अन्य विषयों को नियंत्रित और नियमित करेगा। यूसीसी में सभी धर्मों में पुरुषों और महिलाओं के लिए समान विवाह योग्य आयु, तलाक के आधार और प्रक्रियाएं निर्धारित की गईं हैं। जबकि बहुविवाह और हलाला पर प्रतिबंध लगाया गया है।

उत्तराखंड सरकार द्वारा अनुमोदित संशोधित समान नागरिक संहिता नियमों में अब व्यक्तिगत कानूनों से संबंधित विवादों को निपटाने के लिए अलग प्रक्रिया का प्रस्ताव शामिल नहीं है। आज लागू होने वाला यूसीसी में बेटों और बेटियों दोनों के लिए संपत्ति में समान अधिकार सुनिश्चित करता है। यूसीसी के तहत बहुविवाह पर प्रतिबंध होगा। इस ऐतिहासिक कानून के तहत एकविवाह को आदर्श माना जाएगा।

यूसीसी के अनुसार विवाह के लिए न्यूनतम लड़कों की उम्र 21 वर्ष और लड़कियों की उम्र 18 वर्ष निर्धारित की गई है। विवाह दंपति के धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार सम्पन्न होगा। शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। यूसीसी लागू होने के बाद, वैध और नाजायज बच्चों के बीच कोई अंतर नहीं होगा क्योंकि कानून का उद्देश्य संपत्ति के अधिकारों पर इस अंतर को खत्म करना है।

एक बार जब यूसीसी लागू हो जाएगी तो सभी बच्चों को जैविक संतान के रूप में मान्यता दी जाएगी। कानून यह भी सुनिश्चित करेगा कि गोद लिए गए, सरोगेसी के माध्यम से पैदा हुए या सहायक प्रजनन तकनीक के माध्यम से गर्भ धारण किए गए बच्चों को जैविक बच्चों के समान माना जाएगा।

ये भी पढ़ें- Guillain Barre Syndrome: पुणे में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से पहली मौत, 101 केस एक्टिव, GBS के 16 मरीज वेंटिलेटर पर, दुर्लभ वायरस के बारे में जानें सबकुछ

किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद, कानून उसके जीवनसाथी और बच्चों को समान संपत्ति अधिकार प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त, मृत व्यक्ति के माता-पिता को भी समान अधिकार दिए जाएंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि उनकी देखभाल की जाए।

Akhilesh

Akhilesh

First Published: Jan 27, 2025 11:10 AM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।