Ram Mandir: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 दिसंबर को अयोध्या में भव्य राम मंदिर के उद्घाटन से लगभग तीन सप्ताह पहले कहा था, "एक समय था जब भगवान राम एक तंबू के नीचे रह रहे थे, अब 22 जनवरी को उन्हें एक पक्का घर मिलेगा।" भगवान श्रीराम के जन्मस्थान पर उनके लिए एक भव्य मंदिर की यात्रा दशकों लंबी रही है। 2005 में अयोध्या में एक आतंकवादी हमला भी हुआ था। फिर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त हुआ। अब 67 एकड़ जमीन पर भगवान राम का भष्य मंदिर बन रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में 22 जनवरी को राम मंदिर का लोकार्पण होने वाला है। इसी दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसके बाद 23 जनवरी से आम भक्त मंदिर के गर्भ गृह में रामलला के दर्शन-पूजन कर सकेंगे।
2005 में आतंकवादियों ने हथगोले, रॉकेट लॉन्चर और अपने शरीर पर बम बांधे हुए मंदिर स्थल पर हमला किया था। जुलाई 2005 में सुबह करीब 9 बजे अयोध्या में जैन मंदिर के पास एक मार्शल जीप में धमाका हुआ। इसके बाद AK-47 राइफल और राकेट लॉन्चर जैसे हथियारों से लैस 5 आतंकियों ने राम जन्मभूमि स्थल परिसर पर हमला किया था। जन्मभूमि की सुरक्षा में तैनात बलों के जवाबी हमले में पांचों आतंकी ढेर हो गए थे। अगर CRPF के जवान एक घंटे की मुठभेड़ में उन्हें मार गिराने में असफल रहते तो यह 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस से भी बड़ा राष्ट्रीय संकट हो सकता था।
उस समय अयोध्या एक सोया हुआ शहर था। वहां, एकमात्र बड़ा होटल फैजाबाद में पास में 'शाने-ए-अवध' था जहां हम घटनाक्रम को जानने के लिए अगले 10 दिनों तक दिल्ली के तमाम पत्रकार रुके थे क्योंकि आतंकवादियों के शवों को चुपचाप एक स्थानीय स्थान पर दफना दिया गया था। कड़ी सुरक्षा के बीच अस्थायी मंदिर एक छोटे तंबू के नीचे था। उस वक्त मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सरकार के तहत आने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस की सुरक्षा खामियां उजागर हो गई थीं।
लंबी मुकदमेबाजी के बाद, आखिरकार 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर बनाने के लिए 67 एकड़ जमीन हिंदू पक्ष को सौंपने का मार्ग प्रशस्त कर दिया। फैसले की घोषणा एक रात पहले ही की गई थी, जिससे मीडिया रातों-रात अयोध्या पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिवाली से पहले ही वहां 'दीपोत्सव' मनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए राम जन्मभूमि की जमीन हिंदू पक्ष को देने का फैसला सुनाया। साथ ही इसका मालिकाना हक केंद्र सरकार के पास रहेगा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया की मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन किसी अन्य स्थान पर दिया जाए।
फिर 5 अगस्त 2020 वह ऐतिहासिक तारीख है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन में हिस्सा लिया। अब 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में तैयार हुआ भव्य राम मंदिर में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश और दुनिया के अलग-अलग देशों में रहने वाले राम भक्तों में उत्साह है।
अयोध्या को पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए एक वैश्विक आध्यात्मिक गंतव्य बनाने के लिए 32,000 करोड़ रुपये की विकास योजना प्रगति पर है। एक बार खुलने के बाद, मंदिर में प्रतिदिन एक लाख से अधिक लोगों के आने की संभावना है। जबकि 2047 तक, वार्षिक आधार पर 10 करोड़ से अधिक लोग अयोध्या आ सकते हैं। मंदिर के निर्माण में 1,800 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जो पूरी तरह से दान से मिला हुआ पैसा है। मंदिर का ग्राउंड फ्लोर पूरा हो गया है और राम लला की मूर्तियां यहां स्थापित की जाएंगी। उद्घाटन के एक दिन बाद 23 जनवरी से मंदिर को सार्वजनिक दर्शन के लिए खोल दी जाएंगी।