उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य राम मंदिर (Ayodhya Ram Temple) का प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को समाप्त हो गया। बहुचर्चित प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के एक दिन बाद मंगलवार सुबह राम मंदिर को आम भक्तों के लिए खोल दिया गया। मंगलवार सुबह रामलला के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालू राम मंदिर की आरती में हिस्सा लेने के लिए पहुंच गए। उद्घाटन के एक दिन बाद मंगलवार सुबह राम मंदिर के सामने भारी भीड़ देखी गई। सुबह तीन बजे से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में जुटने लगे। आरती के दौरान इतनी बड़ी संख्या में रामभक्त जुट गए कि मंदिर में भगदड़ जैसे हालात हो गए।
आम जनता के लिए राम मंदिर का गेट सुबह 7 बजे से 11:30 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक खुले रहेंगे। मंदिर परिसर को चमकीले फूलों से सजाया गया है। उद्घाटन समारोह में राजनीतिक, क्रिकेट और फिल्म इंडस्ट्री के कई दिग्गजों ने भाग लिया। वहीं, देशभर में लोग इस मौके को अलग-अलग तरह से सेलिब्रेट कर रहे हैं। सोमवार 22 जनवरी को 'प्राण प्रतिष्ठा' अनुष्ठान किया गया, जिसमें पीएम मोदी ने रामलला की मूर्ति के सामने साष्टांग प्रणाम किया।
समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और RSS प्रमुख मोहन भागवत सहित गणमान्य लोगों की उपस्थिति देखी गई। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, "अयोध्या धाम में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का असाधारण क्षण हर किसी को भावुक कर देने वाला है। इस दिव्य कार्यक्रम का हिस्सा बनना मेरे लिए अत्यंत सौभाग्य की बात है। जय सियाराम!"
अनुष्ठान के बाद पीएम मोदी ने लगभग 8,000 लोगों की एक सभा को संबोधित किया, जिसमें साधु-संत, राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े लोग और विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियां शामिल थीं। प्रधानमंत्री ने कुबेर टीला का भी दौरा किया और मंदिर निर्माण में शामिल श्रमिकों से बातचीत की। समारोह का पूरे देश में लाइव प्रसारण किया गया। जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जैसे वरिष्ठ बीजेपी नेताओं ने लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम को देखा।
हालांकि, विपक्षी नेताओं ने इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का फैसला किया। कई बीजेपी शासित राज्यों ने लोगों को टीवी पर समारोह देखने और स्थानीय मंदिर कार्यक्रमों में भाग लेने की अनुमति देने के लिए उस दिन छुट्टी की घोषणा की थी। देश भर के 50 पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्रों की प्रस्तुति के साथ अयोध्या का माहौल भक्तिमय "मंगल ध्वनि" से और भी बढ़ गया।
राम मंदिर का निर्माण एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद हुआ, जो नवंबर 2019 में मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ समाप्त हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए, राम लला की मूर्ति के अभिषेक को एक नए युग के आगमन के रूप में घोषित किया।