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Ratan Tata: भारत-चीन युद्ध की वजह से नहीं हो पाई थी रतन टाटा की शादी!

Ratan Tata Death: रतन टाटा की पर्सनल लाइफ के बारे में यूं तो खुलेतौर पर बहुत कुछ नहीं है, लेकिन उनके पहले प्यार की कहानी काफी चर्चाओं में रही। रतन टाटा के उस पहले 'नाकाम प्यार' के बारे में हम आप आगे जान जाएंगे, लेकिन उससे पहले आपको ये जानकार जरूरी हैरानी होगी कि 1962 के भारत चीन युद्ध के कारण उनकी शादी नहीं हो पाई थी

अपडेटेड Oct 10, 2024 पर 6:00 AM
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Ratan Tata: ये कहानी शुरू होती है रतन टाटा के जवानी के दिनों से, जब उन्होंने अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर की डिग्री हासिल की

टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने 86 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। वह न केवल अपनी उपलब्धियों और काम के लिए जाने जाते थे, बल्कि अपने विनम्र और डाउन-टू-अर्थ स्वभाव के लिए भी जाने जाते हैं। उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में यूं तो खुलेतौर पर बहुत कुछ नहीं है, लेकिन उनके पहले प्यार की कहानी काफी चर्चाओं में रही। रतन टाटा के उस पहले 'नाकाम प्यार' के बारे में हम आप आगे जान जाएंगे, लेकिन उससे पहले आपको ये जानकार जरूरी हैरानी होगी कि 1962 के भारत चीन युद्ध के कारण उनकी शादी नहीं हो पाई थी।

तो ये कहानी शुरू होती है रतन टाटा के जवानी के दिनों से, जब उन्होंने अमेरिका की कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर की डिग्री हासिल की। कॉलेज खत्म होने के बाद रतन टाटा को लॉस एंजेल्स की एक आर्किटेक्चर कंपनी में नौकरी भी मिल गई। यहां उन्होंने दो साल तक काम किया।

LA में रतन टाटा को मिला पहला प्यार


इसी शहर में रतन टाटा को अपना पहला प्यार भी मिला। वह एक महिला से मिले और उससे प्यार करने लगे। उस वक्त उनका लाइफस्टाइल भी इतना ठीक ठाक था कि वह उससे शादी करके घर बसाने के बारे में भी सोच बैठे थे। रतन टाटा के शब्दों में कहें तो, "यह बहुत अच्छा वक्त था। मौसम बहुत अच्छा था। मेरे पास कार थी और मुझे अपनी नौकरी बहुत पसंद थी।"

हालांकि, उन्हें अपनी बीमार दादी की देखभाल के लिए भारत लौटने का मुश्किल फैसला भी लेना पड़ा, क्योंकि पिछले करीब सात सालों से उनकी दादी नवाजबाई टाटा की तबीयत खराब चल रही थी।

भारत-चीन युद्ध की वजह से नहीं हो पाई शादी!

रतन टाटा अपनी दादी की आंखों के तारे थे। दादी ने हमेशा उनको सपोर्ट किया। खुद रतन टाटा ने बताया था कि वह पढ़ाई के लिए अमेरिका जाना चाहते थे, लेकिन उनके पिता उन्हें UK भेजना चाहते थे। तब दादी की वजह से ही उनके पिता ने उन्हें US भेजने के लिए तैयार हुए थे।

भारत लौटने से पहले रतन टाटा अपनी प्रेमिका से मिलने पहुंचे और उन्हें अपने साथ भारत ले जाने की बात कही। ये वही समय था, जब भारत और चीन के बीच युद्ध चल रहा था। 1962 के भारत-चीन युद्ध के कारण उस महिला के माता-पिता ने उन्हें भारत जाने से मना कर दिया और वहीं रतन टाटा की प्रेम कहानी भी खत्म हो गई। आज तक भी किसी को नहीं मालूम है कि वो महिला कौन थी।

इसके बाद, रतन टाटा ने फिर कभी प्यार की तलाश नहीं की। उन्होंने अपना जीवन अपनी पैतृक विरासत टाटा ग्रुप के लिए समर्पित कर दिया और उसी का नतीजा है कि आज टाटा ग्रुप की गिनती दुनिया के बड़े बिजनेस में होती है।

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