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RBI ने अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों के लिए बुलेट रीपेमेंट गोल्ड लोन सीमा को बढ़ाकर किया 4 लाख रुपये

Reserve Bank of India ने शुक्रवार को urban cooperative banks के लिए बुलेट रीपेमेंट स्कीम के तहत गोल्ड लोन की कर्ज सीमा को दोगुना कर 4 लाख रुपये कर दिया। RBI Governor Shaktikanta Das ने कहा कि UCBs के लिए बुलेट रीपेमेंट स्कीम के तहत गोल्ड लोन की मौजूदा सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दिया है

अपडेटेड Oct 07, 2023 पर 10:02 AM
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RBI Governor Shaktikanta Das ने कहा कि PSL टारगेट को पूरा करने वाले UCBs को "उचित इंसेंटिव" प्रदान करने की आरबीआई ने इस बारे पहले ही घोषणा की थी

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने शुक्रवार को शहरी सहकारी बैंकों (urban cooperative banks) के लिए बुलेट रीपेमेंट स्कीम के तहत गोल्ड लोन की कर्ज सीमा को दोगुना कर 4 लाख रुपये करने का ऐलान किया। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने कहा "शहरी सहकारी बैंकों (UCBs) के लिए बुलेट रीपेमेंट स्कीम के तहत गोल्ड लोन की मौजूदा सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये करने का निर्णय लिया गया है। ये उन बैंकों के लिए है जिन्होंने प्रायॉरिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) के तहत कुल टारगेट और उप-टारगेट को 31 मार्च, 2023 तक पूरा कर लिया है।" गौरतलब है कि बुलेट रीपेमेंट स्कीम में कोई कर्जदार लोन अवधि के दौरान रीपेमेंट की चिंता किए बिना लोन अवधि के अंत में ब्याज और मूल राशि का भुगतान कर सकता है।

शक्तिकांत दास ने हाल ही में UCBs के टॉप अधिकारियों के साथ बैठक की थी। उन्होंने कहा कि यह उपाय निर्धारित PSL टारगेट को पूरा करने वाले UCBs को "उचित इंसेंटिव" प्रदान करने की आरबीआई की पूर्व घोषणा के अनुरूप है। इस टारगेट को पूरा करने के लिए बैंक को उसके कुल लोन का एक निश्चित हिस्सा वंचित सेक्टर को समर्पित करना जरूरी होता है। आरबीआई ने एक सर्कुलर में कहा कि कुल PSL टारगेट को पूरा करने वाले UCBs के लिए बुलेट रीपेमेंट स्कीम के तहत दिए जाने वाले गोल्ड लोन की मौद्रिक सीमा को 4 लाख रुपये से बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। ये टारगेट 31 मार्च, 2023 तक पूरे किये जाने थे।

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इसमें कहा गया है कि इसके लिए निर्धारित सीमाएं इस सर्कुलर की तारीख से प्रभावी हैं। द्विमासिक पॉलिसी रिव्यू की घोषणा के बाद बोलते हुए, दास ने कहा कि आरबीआई प्रोजेक्ट फाइनेंस पर एक व्यापक रेगुलेटर फ्रेमवर्क जारी करेगा। प्रोजेक्ट फाइनेंस को नियंत्रित करने वाले मौजूदा रेगुलेटर फ्रेमवर्क को मजबूत करने और सभी रेगुलेटेड संस्थाओं में निर्देशों को सुसंगत बनाने के लिए ऐसा किया जायेगा। उन्होंने कहा, इस पर सार्वजनिक टिप्पणियां मंगाने के लिए विस्तृत मसौदा दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)

 

 

 

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