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Services PMI: फरवरी सर्विसेज पीएमआई घटकर 60.6 पर आई, फरवरी में कंज्यूमर इन्फ्लेशन 2 साल के निचले स्तर पर रहा

22 फरवरी को जारी भारत के सर्विल सेक्टर का फरवरी फ्लैश परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स 62.0 पर आया था। अर्थशास्त्री इनेस लैम का कहना है कि भारत की सर्विसेज पीएमआई से पता चलता है कि सर्विस सेक्टर में विस्तार की गति जनवरी से फरवरी में कम हो गई है। नए ऑर्डर और आउटपुट में बढ़त में मंदी के कारण, भविष्य की कारोबारी गतिविधि के लिए सर्विस कंपनियों का नजरिया मजबूत बने रहते हुए भी थोड़ा हल्का पड़ा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 05, 2024 पर 11:38 AM
Services PMI: फरवरी सर्विसेज पीएमआई घटकर 60.6 पर आई, फरवरी में कंज्यूमर इन्फ्लेशन 2 साल के निचले स्तर पर रहा
भारतीय सर्विस प्रोवाइडरों का ऑर्डर बैकलॉग फरवरी में फिर से बढ़ गया। हालांकि ये यह बढ़त तीन महीनों में सबसे कमजोर दर पर हुई है। इससे भर्तीयों पर असर पड़ा और रोजगार दर 21 महीने में सबसे धीमी रही है

फरवरी में भारत सर्विस सेक्टर का विस्तार जारी रहा है। 5 मार्च को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि इस सेक्टर के लिए एचएसबीसी परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) 60.6 पर आ गया है। 60.6 पर, फरवरी सेवा पीएमआई 22 फरवरी को जारी 62.0 के फ्लैश अनुमान से नीचे है। हालांकि, यह लगातार 31वें महीने 50 के स्तर से ऊपर बना रहा है जो इस बात का संकेत है कि सर्विस सेक्टर की कारोबारी गतिविधियों में विस्तार जारी रहा है। जनवरी में सर्विसेज पीएमआई 61.8 पर रहा था।

भारत की सेवा पीएमआई से पता चलता है कि सेवा क्षेत्र में विस्तार की गति जनवरी से फरवरी में कम हो गई है। नए ऑर्डर और आउटपुट में वृद्धि में मंदी के कारण, भविष्य की व्यावसायिक गतिविधि के लिए सेवा कंपनियों का दृष्टिकोण दृढ़ता से सकारात्मक रहते हुए थोड़ा कमजोर हो गया है।"

एचएसबीसी के एक अर्थशास्त्री इनेस लैम का कहना है कि भारत की सर्विसेज पीएमआई से पता चलता है कि सर्विस सेक्टर में विस्तार की गति जनवरी से फरवरी में कम हो गई है। नए ऑर्डर और आउटपुट में बढ़त में मंदी के कारण, भविष्य की कारोबारी गतिविधि के लिए सर्विस कंपनियों का नजरिया मजबूत बने रहते हुए भी थोड़ा हल्का पड़ा है।

इंडेक्स संकलित करने वाले एसएंडपी ग्लोबल के मुताबिक फरवरी में सर्विस सेक्टर में मांग में "भारी उछाल" देखने को मिला है। हालांकि मांग में बढ़त की दर जनवरी की तुलना में कम थी। इस बीच, बाहरी मांग लगातार 13वें महीने बढ़ी और ऐसी गति से बढ़ी है जो "साढ़े नौ साल की सीरीज के इतिहास में सबसे बेहकर में से एक" है।

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