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Indian Gaming Industry: 5 साल में चीन को पछाड़ देगा भारत, अगर यह काम हुआ तो गेमिंग में सबसे आगे होंगे हम

Indian Gaming Sector: पांच साल में भारत चीन से बड़ा गेमिंग मार्केट हो जाएगा। ऐसा मानना है दिग्गज फैंटेसी स्पोर्ट्स ऐप ड्रीम11 (Dream11) की पैरेंट कंपनी डीम स्पोर्ट्स के को-फाउंडर हर्ष जैन का। उनका कहना है कि भारत 2028 तक दुनिया का सबसे बड़ा गेमिंग बाजार बनने के रास्ते पर है और यह चीन को पीछे छोड़ देगा

अपडेटेड Oct 14, 2024 पर 2:46 PM
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भारतीय गेमिंग उद्योग ने वित्त वर्ष 2023 में 310 करोड़ डॉलर का रेवेन्यू जेनेरेट किया जो सालाना आधार पर 19 फीसदी अधिक है और इसके वित्त वर्ष 2028 तक 750 करोड़ डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

Indian Gaming Sector: पांच साल में भारत चीन से बड़ा गेमिंग मार्केट हो जाएगा। ऐसा मानना है दिग्गज फैंटेसी स्पोर्ट्स ऐप ड्रीम11 (Dream11) की पैरेंट कंपनी डीम स्पोर्ट्स के को-फाउंडर हर्ष जैन का। उनका कहना है कि भारत 2028 तक दुनिया का सबसे बड़ा गेमिंग बाजार बनने के रास्ते पर है और यह चीन को पीछे छोड़ देगा। हालांकि उनका यह भी कहना है कि 50 करोड़ गेमर्स होने के बावजूद वैश्विक गेमिंग रेवेन्यू में भारत की हिस्सेदारी एक फीसदी से भी है जिसे तत्काल देखने की जरूरत है। उनका है कि वैश्विक गेमिंग रेवेन्यू में इतनी कम हिस्सेदारी से पांच साल में भारत दुनिया का सबसे बड़ा गेमिंग मार्केट नहीं बन पाएगा। उन्होंने ये बातें आज 14 अक्टूबर को नई दिल्ली में भारतीय गेमिंग कंवेंशन को संबोधित करते हुए कही। हर्ष जैन स्टार्टअप्स और टेक कंपनियों के ग्रुप इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) के चेयरमैन भी हैं।

कैसे बढ़ेगी Gaming Industry

हर्ष का कहना है गेमर्स की संख्या और वैश्विक रेवेन्यू में भारत की हिस्सेदारी के बीच का जो गैप है, उसे स्पष्ट नियमों से पाटा जा सकता है। खासतौर से रियल मनी गेमिंग में इसकी अधिक जरूरत है जिसकी रेवेन्यू में बड़ी हिस्सेदारी है। उन्होंने गेमिंग इंडस्ट्री को आपस में भिड़ने की बजाय एक-साथ काम करने को कहा है ताकि इसकी ग्रोथ स्पीड तेज हो जाए। उन्होंने कहा कि नियम स्पष्ट होंगे तो इससे गेमिंग इंडस्ट्री को सपोर्ट मिलेगा और विदेशी निवेश भी आएगा। गेमिंग इंडस्ट्री का भविष्य अब एख व्यापक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क, जीएसटी नोटिसेज पर कोर्ट के आने वाले फैसले, गेमिंग फॉर्मेट पर राज्य स्तर के प्रतिबंधों की संवैधानिक वैधता और इन सरकारों की भूमिका पर निर्भर करेगा। भारतीय गेमिंग उद्योग ने वित्त वर्ष 2023 में 310 करोड़ डॉलर का रेवेन्यू जेनेरेट किया जो सालाना आधार पर 19 फीसदी अधिक है और इसके वित्त वर्ष 2028 तक 750 करोड़ डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।


बढ़ते इंटरनेट और मोबाइल इंफ्रा ने बढ़ाई गेमिंग इंडस्ट्री

हर्ष ने कहा कि देश में गेमिंग इंडस्ट्री टेलीकॉम कंपनियों के चलते इंटरेनट और मोबाइल इंफ्रा में सुधार के चलते बढ़ी है। अब यहां 50 करोड़ गेमर्स हैं जो कई देशों की जनसंख्या से भी अधिक है। हालांकि अब चुनौती इसे मोनेटाइज करने की है। उन्होंने कहा कि डेवलपर्स को यह पता करने की जरूरत है कि इसे मोनेटाइज कैसे किया जाए। उन्होंने ये बातें फ्री गेमिंग सेगमेंट के संदर्भ में कही जिससे भारी-भरकम रेवेन्यू जेनेरेट होना अभी बाकी है। उन्होंने ईस्पोर्ट्स में संभावनाओं पर भी जोर दिया जहां गेमर्स दुनिया भर के खिलाड़ियों से भिड़ते हैं। हर्ष का कहना है कि भारत दुनिया के टॉप ईस्पोर्ट्स देशों में शुमार हो सकता । इंडस्ट्री से भी उन्होंने गेमिंग नीतियों को जिम्मेदारी से अपनाने और ऐड में उच्च स्तर के मानकों को अपनाने की सलाह दी है ताकि यूजर्स सुरक्षित महसूस कर सकें।

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