Manu Bhaker Won Bronze: 'मैं गीता बहुत पढ़ती हूं, इससे मुझे मदद मिली'; भगवान श्री कृष्ण की भक्त हैं शूटर मनु भाकर
Manu Bhaker Won Bronze in Olympics: पेरिस ओलिंपिक में भारत को पहला मेडल दिलाने वाली स्टार भारतीय निशानेबाज मनु भाकर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दिग्गजों ने सोशल मीडिया पर बधाई दी है। भाकर ने रविवार (28 जुलाई) को 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया
Manu Bhaker Won Bronze in Paris Olympics: मनु भाकर ने बताया कि वह भगवान श्री कृष्ण की भक्त हैं
Manu Bhaker Won Bronze in Paris Olympics: भारतीय निशानेबाज मनु भाकर ने रविवार (28 जुलाई) को पेरिस ओलिंपिक में इतिहास रच दिया। मनु भाकर ने महिला 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में तीसरे स्थान पर रहते हुए कांस्य पदक के साथ पेरिस ओलिंपिक में भारत के पदक का खाता खोला। इसके साथ ही वह शूटिंग में ओलिंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बन गई हैं। पेरिस ओलिंपिक में भारत को पहला मेडल दिलाने वाली स्टार भारतीय निशानेबाज मनु भाकर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दिग्गजों ने सोशल मीडिया पर बधाई दी है।
ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद मनु भाकर ने ब्रॉडकास्टर JioCinema से बातचीत में खुलासा किया कि वह फाइनल के दौरान हिंदू धर्म के महाकाव्य श्रीमद्भगवद्गीता के शब्दों को याद कर रही थी। उन्होंने कहा, "मैं गीता बहुत पढ़ती हूं। इससे मुझे मदद मिली है। मेरे दिमाग में बस यही चल रहा था कि जो तुम्हें करना है करो, परिणाम की चिंता मत करो। जैसा भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से कहते हैं। यह मेरे दिमाग में चल रहा था।"
मनु भाकर को दूसरे स्थान पर रहना पसंद ही नहीं है, तीसरे स्थान की तो बात ही छोड़ दीजिए। लेकिन उन्होंने कहा कि रविवार का दिन अपवाद था क्योंकि पेरिस में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतकर वह टोक्यो ओलिंपिक में अपनी निराशा को पीछे छोड़कर राहत महसूस कर रही हैं। 22 साल की भाकर 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर ओलिंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बन गईं।
'टोक्यो के बाद मैं बहुत निराश थी'
आत्मविश्वास से भरी भाकर ने कांस्य पदक जीतने के बाद 'जियो सिनेमा' से कहा, "टोक्यो के बाद मैं बहुत निराश थी। मुझे इससे उबरने में बहुत समय लगा।" उन्होंने कहा, "बहुत खुश हूं कि मैं कांस्य पदक जीत सकी और हो सकता है कि अगली बार इसका रंग बेहतर हो।"
भाकर ने कहा, "मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। भारत को इस पदक का लंबे समय से इंतजार था। मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा।" इस पदक से पेरिस ओलिंपिक में भारत का खाता खुल गया और साथ ही निशानेबाजी में 12 साल का इंतजार खत्म हुआ। लेकिन हरियाणा के झज्जर की इस निशानेबाज के लिए यह सफर इतना आसान नहीं रहा।
टोक्यो ओलिंपिक 2021 के क्वालीफिकेशन में पिस्टल की खराबी से भाकर निराश हो गई थीं। लेकिन पिछले दो दिनों में उनका प्रयास इतना शानदार रहा जिसकी एक एथलीट से उम्मीद की जाती है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर कई पदक जीतने वाली भाकर ने कहा, "भारत कई और पदकों का हकदार है, जितने संभव हो सके। यह अहसास बहुत शानदार है। इसके लिए बहुत प्रयास करना पड़ता है।"
करीबी रहा फाइनल मुकाबला
भाकर का फाइनल करीबी रहा क्योंकि एक समय वह रजत पदक जीतने के करीब लग रही थीं। उन्होंने कहा, "आखिरी शॉट में मैं अपनी पूरी ऊर्जा के साथ निशाना लगा रही थी। शायद मैं अगली स्पर्धाओं में बेहतर कर सकूं।" भाकर ने पिछले कुछ वर्षों में मानसिक दृढ़ता पर काफी काम किया है जिसमें उनके कोच जसपाल राणा से भी काफी मदद मिली है।
उन्होंने कहा, "मैंने भगवत गीता काफी पढ़ी है और वही करने की कोशिश की जो मुझे करना चाहिए था। बाकी सब भगवान पर छोड़ दिया था। हम भाग्य से नहीं लड़ सकते। आप परिणाम को नियंत्रित नहीं कर सकते।" जब उनसे पूछा गया कि टोक्यो की निराशा से निपटने के लिये उन्होंने क्या किया तो भाकर ने कहा, "आप सिर्फ कोशिश करकेअपना सर्वश्रेष्ठ देते रह सकते हैं।"
9 बार की विश्व कप पदक विजेता ने कहा, "मैं कितना अच्छा महसूस कर रही हूं, आपको नहीं बता सकती।" उन्होंने 580 अंक हासिल करने के बाद फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। भाकर ने कहा, "जैसे ही क्वालीफिकेशन खत्म हुआ। मुझे नहीं पता था कि आगे कैसा रहेगा। हमने बहुत मेहनत की थी।"
मैं गीता बहुत पढ़ती हूँ। मेरे दिमाग़ में बस यही चल रहा था कि जो तुम्हें करना है करो, परिणाम की चिंता मत करो। जैसा भगवान् कृष्ण अर्जुन से कहते हैं - मनु भाकर pic.twitter.com/m0ZQzVIGG7
— अनुराग शर्मा Anurag Sharma (@HindiHainHam) July 28, 2024