विनेश फोगाट के लिए गांव वालों ने मिल कर जुटाया इनाम, मिला '1000 गोल्ड मेडल से भी ज्यादा कीमती' तोहफा
गांव ने एकजुट होकर विनेश के लिए पुरस्कार की रकम जुटाई। छोटे बड़े सभी ने इसमें बढ़ चढ़ कर अपनी ओर से योगदान दिया, जिसमें गांव के चौकीदार की ओर से 100 से लेकर फौजी भाईचारा समूह के सदस्यों की ओर से ₹21,000 तक की रकम शामिल था। कथित तौर पर दान देर रात में आया। गांव की सरपंच रीतिका सांगवान विनेश के स्वागत समारोह में शामिल नहीं हो सकीं और उन्होंने अपने पति से उनका स्वागत करने के लिए कहा।
विनेश फोगाट को मिला '1000 गोल्ड मेडल से भी ज्यादा कीमती' तोहफा
विनेश फोगाट का हरियाणा के चरखी दादरी जिले में उनके अपने गांव बलाली में खुले हाथों से स्वागत किया गया। उन्हें दिल्ली एयर पोर्ट से वहां पहुंचने में 12 घंटे से ज्यादा का समय लगा। महिलाओं की 50 Kg कुश्ती में अपने मुकाबलों के पहले दिन 29 साल की खिलाड़ी की शानदार प्रदर्शन और फिर गोल्ड मेडल के लिए फाइनल से पहले अचानक बाहर होने के बाद, 2024 पेरिस ओलिंपिक में उन्होंने एक बड़ी और जबरदस्त कहानी लिख दी। भले ही विनेश बाहर हो गई हों और कोई पुरस्कार न जीत पाई हों, लेकिन उनके गांव वालों ने उनके लिए इनाम इकट्ठा किया।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, गांव ने एकजुट होकर विनेश के लिए पुरस्कार की रकम जुटाई। छोटे बड़े सभी ने इसमें बढ़ चढ़ कर अपनी ओर से योगदान दिया, जिसमें गांव के चौकीदार की ओर से 100 से लेकर फौजी भाईचारा समूह के सदस्यों की ओर से ₹21,000 तक की रकम शामिल था।
कथित तौर पर दान देर रात में आया। गांव की सरपंच रीतिका सांगवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) के स्वागत समारोह में शामिल नहीं हो सकीं और उन्होंने अपने पति से उनका स्वागत करने के लिए कहा।
उन्होंने अपने पति से कहा कि वे विनेश का आशीर्वाद और उनके हाथों से छुए कपड़ों घर लेकर आए हैं। रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा गया, "उन्होंने मुझसे विनेश का आशीर्वाद और उनका छुआ हुआ कपड़ा लाने को कहा है। उन्होंने कहा कि मैं इसे अपने नवजात बेटे को पहनाऊंगी ताकि उसे भी उसके जैसा साहस मिले।"
'1000 गोल्ड मेडल से ज्यादा कीमती'
विनेश शनिवार सुबह करीब 10 बजे नई दिल्ली अपने घर लौटीं तो उनका जोरदार स्वागत किया गया। IGI एयरपोर्ट के बाहर हजारों समर्थक जमा थे और उनकी गाड़ी में उनका स्वागत करने के लिए साथी पहलवान बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक के साथ-साथ पंचायत नेता भी मौजूद थे।
जब विनेश को एयरपोर्ट पर माला पहनाई गई और फैंस उनके नाम के नारे लगा रहे थे, तो वह रोने लगीं। इसके बाद वह एक खुली जीप में खड़ी हो गईं, जो अपने पैतृक शहर में कड़ी सुरक्षा के बीच राष्ट्रीय राजधानी से होकर गुजरी।
50 समर्थकों का एक ग्रुप उनकी जीप के पीछे चल रहा था। बलाली की ओर निकलने से पहले उन्होंने दिल्ली के द्वारका में एक मंदिर में पूजा-अर्चना की।
अपने गृहनगर पहुंचने पर विनेश ने अपने समर्थकों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “भले ही उन्होंने मुझे गोल्ड मेडल नहीं मिला, लेकिन यहां के लोगों ने मुझे वो दिया है। मुझे जो प्यार और सम्मान मिला है वो 1,000 गोल्ड मेडल से भी ज्यादा है।”