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Sugarcane Price Hike: पीएम मोदी ने गन्ना खरीद की कीमतों में बढ़ोतरी को बताया 'ऐतिहासिक', बोले- 'किसानों के कल्याण के लिए सरकार प्रतिबद्ध'

Sugarcane Price Hike: आधिकारिक बयान के मुताबिक, केंद्र सरकार के इस फैसले से 5 करोड़ से अधिक गन्ना किसानों (परिवार के सदस्यों सहित) और चीनी क्षेत्र से जुड़े लाखों अन्य लोगों को फायदा होगा। बयान में कहा गया है कि यह किसानों की आय दोगुनी करने की मोदी की गारंटी को पूरा करने की प्रतिबद्धता को दोहराता है

Akhileshअपडेटेड Feb 22, 2024 पर 10:58 AM
Sugarcane Price Hike: पीएम मोदी ने गन्ना खरीद की कीमतों में बढ़ोतरी को बताया 'ऐतिहासिक', बोले- 'किसानों के कल्याण के लिए सरकार प्रतिबद्ध'
Sugarcane Price Hike: गन्ना खरीद की कीमतों में बढ़ोतरी आम चुनाव से पहले उठाया गया है

Sugarcane Price Hike: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को गन्ना खरीद की कीमतों में बढ़ोतरी को 'ऐतिहासिक' करार दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार देशभर के अपने किसान भाई-बहनों के कल्याण से जुड़े हर संकल्प को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। पीएम मोदी की यह टिप्पणी उनकी अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा सीजन 2024-25 के लिए गन्ने के FRP (Fair and Remunerative Price) को 340 रुपये प्रति क्विंटल की मंजूरी देने के बाद आई है।

केंद्र सरकार ने बुधवार को 2024-25 सत्र के लिए गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य (FRP) 25 रुपये बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल करने की मंजूरी दी। गन्ने का नया सत्र अक्टूबर से शुरू होता है। प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद यह अब तक की सबसे बड़ी FRP है। मात्रा के संदर्भ में, यह दूसरी बार है जब मोदी सरकार ने FRP में एक बार में 25 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "देशभर के अपने किसान भाई-बहनों के कल्याण से जुड़े हर संकल्प को पूरा करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में गन्ना खरीद की कीमत में ऐतिहासिक बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है। इस कदम से हमारे करोड़ों गन्ना उत्पादक किसानों को लाभ होगा।"

गन्ने की FRP बढ़ाने का फैसला प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में लिया गया। यह कदम आम चुनाव से पहले उठाया गया है। गन्ना मुख्य रूप से महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में उगाया जाता है।

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