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Misleading Ads: अब मशहूर हस्तियां और इन्फ्लुएंसर की भी खैर नहीं! Supreme Court ने दिखाई सख्ती

न्यायमूर्ति हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि हमारा मानना है कि विज्ञापनदाता, विज्ञापन एजेंसियां या सपोर्ट करने वाले लोग झूठे और भ्रामक विज्ञापन जारी करने के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड May 07, 2024 पर 10:25 PM
Misleading Ads: अब मशहूर हस्तियां और इन्फ्लुएंसर की भी खैर नहीं! Supreme Court ने दिखाई सख्ती
भ्रामक विज्ञापनों पर सुप्रीम कोर्ट सख्ती दिखा रहा है।

पतंजलि आयुर्वेद के विज्ञापनों को लेकर चल रहे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी चेतावनी दी है। कोर्ट ने कहा है कि भ्रामक विज्ञापनों को बढ़ावा देने वाले मशहूर हस्तियों और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। यह फैसला भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) द्वारा दायर उस याचिका पर आया है, जिसमें पतंजलि आयुर्वेद पर भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने का आरोप लगाया गया था।

जिम्मेदारी से काम करना अनिवार्य

न्यायमूर्ति हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि हमारा मानना है कि विज्ञापनदाता, विज्ञापन एजेंसियां या सपोर्ट करने वाले लोग झूठे और भ्रामक विज्ञापन जारी करने के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं। पीठ ने आगे कहा कि पब्लिक हस्तियां, इन्फ्लुएंसर, मशहूर हस्तियों आदि द्वारा सपोर्ट किसी प्रोडक्ट को बढ़ावा देने में एक लंबा रास्ता तय करता है और विज्ञापनों में किसी भी प्रोडक्ट का सपोर्ट करते समय उनके लिए जिम्मेदारी से काम करना अनिवार्य है।

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