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RRTS Project: रैपिड रेल के लिए फंड नहीं देने पर केजरीवाल सरकार को SC की चेतावनी, कहा- इस हफ्ते पैसा नहीं दिया तो...

RRTS प्रोजेक्ट में दिल्ली को उत्तर प्रदेश में मेरठ, राजस्थान में अलवर और हरियाणा में पानीपत तक जोड़ने वाले सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोर बनाए जाने हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर ऐसी राष्ट्रीय परियोजनाएं प्रभावित होती हैं और विज्ञापनों पर पैसा खर्च किया जाता है, तो वह यह निर्देश देगी कि उस कोष को RRTS कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए ट्रांसफर कर दिया जाए

अपडेटेड Nov 21, 2023 पर 7:32 PM
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RRTS Project: सुप्रीम कोर्ट ने अलवर और पानीपत तक कॉरिडोर के लिए धन मुहैया नहीं कराने पर नाखुशी जताई

Rapid Rail Project: सुप्रीम कोर्ट ने रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए फंड उपलब्ध नहीं कराने को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत ने चेतावनी दी है कि अगर इस हफ्ते पैसा नहीं दिया तो AAP सरकार का प्रचार वाला बजट उस प्रोजेक्ट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार के प्रचार वाले बजट को तुरंत प्रभाव से फ्रीज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर एक सप्ताह में दिल्ली सरकार ने रैपिड रेल प्रोजेक्ट का पैसा जारी नहीं किया, तो विज्ञापन वाला पैसा रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) प्रोजेक्ट में डाल दिया जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने अलवर और पानीपत तक RRTS कॉरिडोर के लिए धन मुहैया नहीं कराने पर मंगलवार को दिल्ली सरकार पर नाखुशी जताई। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर एक सप्ताह के अंदर बकाए पैसा का भुगतान नहीं किया जाता है तो विज्ञापन के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा आवंटित फंड RRTS कॉरिडोर प्रोजेक्ट में लगाया जाएगा।

RRTS प्रोजेक्ट में दिल्ली को उत्तर प्रदेश में मेरठ, राजस्थान में अलवर और हरियाणा में पानीपत तक जोड़ने वाले सेमी-हाई स्पीड रेल कॉरिडोर बनाए जाने हैं। पीटीआई के मुताबिक, शीर्ष अदालत ने कहा कि बजटीय प्रावधान ऐसी चीज है जिस पर राज्य सरकार को गौर करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लेकिन अगर ऐसी राष्ट्रीय परियोजनाएं प्रभावित होती हैं और विज्ञापनों पर पैसा खर्च किया जाता है, तो वह यह निर्देश देगी कि उस कोष को RRTS कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए ट्रांसफर कर दिया जाए।


जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि दिल्ली सरकार के वकील ने 24 जुलाई को शीर्ष अदालत को आश्वासन दिया था कि प्रोजेक्ट के लिए भुगतान किया जाएगा। पीठ ने दिल्ली सरकार से कहा, "हम यह निर्देश देने को बाध्य हैं कि विज्ञापन के लिए आवंटित धन उक्त परियोजना के लिए भेज दिया जाए।"

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अदालत ने कहा, "दिल्ली सरकार के वकील के अनुरोध पर हम एक सप्ताह तक इस आदेश को लंबित रख रहे हैं। यदि पैसा नहीं दिया गया तो आदेश लागू किया जाएगा।" फिलहाल, खबर लिखे जाने तक सुप्रीम कोर्ट के आदेश में आम आदमी पार्टी की तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

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