Jammu and Kashmir News: सुरक्षा बलों ने जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले से लापता एक सैनिक का बुधवार (9 अक्टूबर) को गोलियों से छलनी शव बरामद किया है। अधिकारियों ने बताया कि 'टेरिटोरियल आर्मी' के जवान हिलाल अहमद भट (Hilal Ahmad Bhat) मंगलवार (8 अक्टूबर) को शाह इलाके से लापता हो गए थे। अनंतनाग के उतरासू इलाके के सांगलान वन क्षेत्र से उनका शव बरामद किया गया है। उन्होंने बताया कि शव को मेडिकल औपचारिकताएं पूरा करने के लिए अस्पताल ले जाया गया है।
सुरक्षा बलों ने जवान की तलाश के लिए व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया था। श्रीनगर स्थित सेना की चिनार कोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, "खुफिया जानकारी के आधार पर आठ अक्टूबर को भारतीय सेना ने पुलिस और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर कोकेरनाग के कजवान जंगल में एक संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया। 'टेरिटोरियल आर्मी' के एक जवान के लापता होने की सूचना के बीच रात भर यह अभियान जारी रहा।
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि जम्मू-कश्मीर में टेरिटोरियल सेना के दो जवानों का अपहरण कर लिया गया है। हालांकि, बाद में एक जवान वापस आने में कामयाब रहा। सूत्रों ने बाद में बताया कि दूसरा लापता जवान मृत पाया गया। एएनआई ने बताया कि दोनों जवानों को अनंतनाग के वन क्षेत्र से अगवा किया गया था।
लापता जवान की तलाश के लिए इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया। समाचार एजेंसी पीटीआई ने भारतीय सेना के हवाले से बताया कि 5 अक्टूबर को, जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा (LoC) पर घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया।
सेना की श्रीनगर स्थित चिनार कोर ने कहा, "चल रहे अभियान में सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया है।" एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "जंगल क्षेत्र में उग्रवादियों की गतिविधि के बारे में सूचना मिली थी।" अधिकारी ने बताया, "सेना ने दो टेरिटोरियल कर्मियों को जंगल की लोकेशन का पता लगाने के लिए भेजा था। हालांकि, उन्हें वहां उग्रवादियों ने अगवा कर लिया।"
सूत्रों ने बताया कि दो में से एक जवान आतंकियों के चंगुल से भागने में सफल रहा। जवान को आतंकवादियों ने गोली मार दी, जिससे उसके कंधे में चोट आई। लेकिन वह सुरक्षित बच गया। घायल जवान को इलाज के लिए सेना के 439 फील्ड अस्पताल ले जाया गया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि दोनों जवान स्थानीय हैं। वह टेरिटोरियल आर्मी की 162 बटालियन से जुड़े हैं।