Kolkata Rape: पीड़िता के शरीर पर मिली लार और ब्लूटूथ नेकबैंड... CBI की चार्जशीट में संजय रॉय को दोषी ठहराने के काफी सबूत
RG Kar Rape Murder Case: आरोप पत्र में कहा गया है कि घटना स्थल पर पाए गए 'छोटे बाल' भी रॉय के हैं। रॉय का DNA भी पीड़िता के शरीर से लिए गए सैंपल से मेल खाता है। इसके अलावा आरोपी की जींस और जूते पर भी पीड़िता के खून के धब्बे पाए गए हैं। CCTV फुटेज में वो वही कपड़े पहने नजर आ रहा है।
Kolkata Rape-Murder Case: CBI की चार्जशीट में संजय रॉय को दोषी ठहराने के काफी सबूत
आरजी कर रेप और हत्या के आरोपी संजय रॉय ने भले ही मंगलवार को अदालत में दावा किया हो कि वह निर्दोष है, लेकिन CBI की चार्जशीट में इतने सबूत हैं, जो रॉय को दोषी ठहराने और उसके अपराध को साबित करने लिए काफी हैं। जांच एजेंसी ने इस मामले में अपना पहला आरोप पत्र दायर किया, जिसमें रॉय को अस्पताल में 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या का दोषी ठहराने के लिए मटेरियल, टेक्निकल और वैज्ञानिक सबूतों का हवाला दिया है।
CNN-News18 ने अपनी रिपोर्ट में चार्जशीट के हवाले से बताया कि CBI को DNA प्रोफाइलिंग रिपोर्ट से पता चला है कि रॉय की लार पीड़िता के शरीर पर पाई गई थी। CBI का कहना है, "निप्पल स्वाब से उसकी लार की मौजूदगी का पता चलता है।" इसमें कहा गया है कि रॉय का DNA पीड़िता के नाखून के नीचे से मिले मटेरियल पर भी पाया गया था।
आरोप पत्र में कहा गया है कि घटना स्थल पर पाए गए 'छोटे बाल' भी रॉय के हैं। रॉय का DNA भी पीड़िता के शरीर से लिए गए सैंपल से मेल खाता है। इसके अलावा आरोपी की जींस और जूते पर भी पीड़िता के खून के धब्बे पाए गए हैं।
CCTV फुटेज में वो वही कपड़े पहने नजर आ रहा है। कोलकाता पुलिस ने उसके कपड़े 4 कोलकाता सशस्त्र पुलिस के बैरक से बरामद किए थे, जहां रॉय रहते था।
टेक्निकल सबूत
मोबाइल टावर लोकेशन 9 अगस्त को सुबह 3.30 से 4 बजे के बीच आरजी कर अस्पताल में रॉय की मौजूदगी को साबित करता है। ऑटोप्सी रिपोर्ट के अनुसार, मृतक की हत्या इसी समय की गई थी।
CCTV कैमरों में रॉय को उसी समय अस्पताल और बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर सेमिनार हॉल में घुसते हुए दिखाया गया। ये घटना इसी सेमिनार हॉल के अंदर हुई थी।
CBI ने कहा, "वह अस्पताल में घुसते हुए, सुरक्षा गार्ड को हाथ हिलाते हुए और फिर ट्रॉमा सेंटर से बाहर निकलते हुए दिखाई दे रहा है। 9 अगस्त को सुबह 4.03 बजे उसे फिर से कैमरे के दाईं ओर से तीसरी मंजिल पर वार्ड की ओर जाते हुए देखा गया।"
एजेंसी ने आगे कहा, "4.31 बजे आरोपी कैमरे की ओर बढ़ता है, घूम जाता है और वापस वार्ड की ओर चला जाता है। सुबह 4.32 बजे, वह अपने बाएं हाथ में हेलमेट पकड़े हुए दिखाई देता है। इस दौरान उसके गले में ब्लूटूथ नेकबैंड नहीं होता और फिर वह कैमरे के दाईं ओर जाता है।"
मेटिरियल सबूत
CBI के अनुसार, रॉय को गले में ब्लूटूथ बैंड पहने हुए आरजी कार में घुसते देखा गया है। हालांकि, CCTV कैमरे में जब वह निकलता है, तो उसके पास ब्लूटूथ बैंड नहीं होता। घटना वाली जगह से मिला ब्लूटूथ बैंड कैमरे पर देखे गए बैंड मेल खाता है। सीबीआई का कहना है कि इसे सिविक वालंटियर रॉय के मोबाइल डिवाइस से कनेक्ट कर के भी देखा गया है।
कई डॉक्टरों की टीम से ली गई सलाह
सीबीआई ने कहा कि आरोप पत्र दाखिल करने से पहले उसने सबूतों की जांच के लिए डॉक्टरों की एक एक्सपर्ट टीम से सलाह ली। एजेंसी ने कहा, “AIIMS के फोरेंसिक मेडिसिन प्रोफेसर की अध्यक्षता में एक मल्टी इंस्टीट्यूशनल बोर्ड (MIMB) जिसमें AIIMs, RML, लेडी हार्डिंग, वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज, सफदरजंग अस्पताल और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ सदस्य शामिल थे, जिन्होंने केस में मेडिको-लीगल राय दी थी।"
आरोप पत्र के अनुसार, डॉक्टरों की राय थी कि पीड़िता की मौत दम घुटने के कारण हुई और पोस्टमार्टम से 12 घंटे पहले उसके साथ बलात्कार किया गया था।
डॉक्टरों ने यह भी कहा कि मजिस्ट्रेट जांच रिपोर्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुरूप है। यह एक महत्वपूर्ण खोज है, क्योंकि सवाल उठाए गए हैं कि क्या पोस्टमार्टम प्रक्रिया ही खराब थी।
सीबीआई ने कहा, MIMB ने रॉय की चोटों पर भी विचार किया और राय दी कि ये 'पीड़िता की ओर से जोर जबरदस्ती के विरोध में की गई कोशिश के दौरान की चोट हैं।' हालांकि, एजेंसी ने अदालत को बताया कि MIMB की फाइनल रिपोर्ट का इंतजार है।
एजेंसी का मानना है कि रॉय का मकसद डॉक्टर का रेप करना था और उसका विरोध करने के दौरान उसकी हत्या कर दी गई। सीबीआई ने यह भी कहा है कि वह सबूत नष्ट करने के आरोप में आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी अभिजीत मंडल की भी जांच कर रही है।