सरकार ने कोचिंग सेंटर्स के गुमराह करने वाले विज्ञापन पर नई गाइडलाइंस जारी की है। इस बारे में सितंबर में ही खबर दी गई थी कि सरकार ने गाइडलाइन तैयार कर ली है। नई गाइडलाइंस में विज्ञापन में किसी बच्चे की तस्वीर छापने से पहले मंजूरी लेने, पूरी पारदर्शिता बरतने जैसे प्रावधान किए गए हैं। इस गाइडलाइन के उल्लंघन पर 50 लाख तक जुर्माने का प्रावधान भी है। गाइडलाइंस की डिटेल पर कंज्यूमर अफेयर सेक्रेटरी निधि खरे ने कहा कि कोचिंग सेंटर्स के लिए जारी गाइडलाइंस में विज्ञापन में छात्र की तस्वीर लगाने की शर्तें तय की गई हैं। अब इसके लिए छात्र की लिखित मंजूरी लेना अनिवार्य होगा। सफल होने के बाद कैंडिडेट से मंजूरी लेनी होगी। विज्ञापन में पूरी पारदर्शिता बरतनी होगी। डिस्क्लेमर बड़ी-बड़ी जगह पर देना होगा। कोचिंग सेंटर की बुनियादी सुविधाओं की पूरी जानकारी देनी होगी। इन नियमों का पालन न करने पर 10 लाख से 50 लाख तक का जुर्माना लगेगा। विज्ञापन देने का अधिकार भी निरस्त हो सकता है।
निधि खरे ने मीडिया से आगे कहा,'हम कोचिंग इंस्टीट्यूशंस का मार्गदर्शन करने के लिए गाइडलाइंस लेकर आए हैं, क्योंकि हमारी जांच में आया है कि कोचिंग इंस्टीट्यूट जानबूझकर स्टूडेंट्स से जानकारी छिपाते हैं। सरकार कोचिंग इंस्टीट्यूशंस के खिलाफ नहीं है, लेकिन उपभोक्ता अधिकारों को नुकसान भी नहीं पहुंचाने दिया जा सकता है।'
क्यों लानी पड़ी गाइडलाइंस?
बता दें कि कोचिंग गुमराह करने वाले विज्ञापन दे रहे थे। अब तक 45 कोचिंग सेंटर्स को नोटिस जारी की गई है। इन पर 54 लाख रुपए तक की पेनल्टी लगाई गई है। 1 छात्र पर 6-6 कोचिंग सेंटर्स ने दावा किया है।बहुत सारे कोचिंग अपने दावे साबित नहीं पाए। एक मामले में तो 211 छात्रों वाले कोचिंग ने 336 छात्र सफल बताए गए हैं।
सरकार ने साफ कहा है कि यदि सौ फीसदी सफलता की गारंटी या 100 फीसदी नौकरी मिलने की गारंटी जैसे झूठे दावे किए गए तो ऐसे कोचिंग इंस्टीट्यूट के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही ये भी तय कर दिया गया है कि अब कोचिंग इंस्टीट्यूट एग्जाम में सफल होने वाले किसी भी छात्र का कमेंट या फोटो बिना उसकी लिखित सहमति के अपने विज्ञापन में उपयोग नहीं कर पाएंगे। इससे पहले जनवरी में भी सरकार ने कोचिंग इंस्टीट्यूशंस के लिए एक गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें 16 साल से कम उम्र के छात्रों को दाखिला देने पर रोक लगाई गई थी। साथ ही बिना सरकारी मंजूरी के कोचिंग इंस्टीट्यूट खोलने पर भी रोक लगा दी गई थी।