सूक्ष्म, लघु और मध्य उद्यम (Micro, Small and Medium Enterprises (MSMEs) के बकाया पेमेंट को लेकर कंपनियों को इनकम टैक्स के नए कानून से जल्द राहत की उम्मीद नहीं मिलती हुई दिख रही है। सूत्रों के मुताबिक सरकार अभी 45 दिन में पेमेंट के नियम को बढ़ाने या बदलने की जल्दबाज़ी में नहीं नजर आ रही है। दरअसल सरकार का मानना है कि इस मुद्दे पर बेवजह भ्रम फैलाया जा रहा है। चुनाव नजदीक आने के चलते 45 दिनों के पेमेंट को बदलने की मांग की जा रही है। लेकिन अब इस मुद्दे पर सरकार भी कुछ नहीं कर सकती है क्योंकि अब कोई सेशन नहीं चल रहा है। कोई नया अध्यादेश भी नहीं लाया जा सकता है।
इस खबर पर ज्यादा डिटेल बताते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि MSMEs को अभी राहत नहीं मिलती दिख रही है। उन्होंने कहा कि 45 दिनों में पेमेंट करने का नियम अभी नहीं बदलेगा। इनकम टैक्स से राहत के लिए अभी कंपनियों को इंतजार करना होगा। 31 मार्च तक MSMEs का बकाया पेमेंट नहीं किया तो टैक्स लगेगा।
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इसके अलावा FY24 में एक्चुअल पेमेंट पर कंपनियों को टैक्स डिडक्शन मिलेगा। सरकार के मुताबिक MSMEs की मांग पर ही ये कानून बनाया गया था। 45 दिनों में पेमेंट करने का नियम MSMEs Act 2006 के तहत मौजूद है। बजट 2023 में इनकम टैक्स एक्ट में नया क्लॉज 43b (h) जोड़ा गया था।
आलोक प्रियदर्शी ने आगे और जानकारी देते हुए कहा कि MSMEs के कई संगठन वित्तमंत्री से नियम टालने की मांग कर रहे हैं। 45 दिनों में पेमेंट के नियम से कंपनियां आर्डर नहीं दे रही हैं। इसे लेकर देश के कई जगहों पर संगठन धरना भी कर रहे हैं। MSME की मांग है कि सरकार पेमेंट की मियाद बढ़कर 90 दिन करे।