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चंद्रयान 3 की सफलता के बाद अब सोलर मिशन की तैयारी में जुटा इसरो, 2 सितंबर को लॉन्च हो सकता है आदित्य-एल1

इसरो का आदित्य-एल1 (Adiyta-L1) सूरज के अवलोकन के लिए भारत का पहला स्पेसक्राफ्ट होगा। आदित्य-एल1 मिशन का लक्ष्य एल1 के चारों ओर सूरज के फोटोस्पेयर, क्रोमोस्फेयर और बाहरी लेयर का अध्यन करना है। यह अपने साथ कोरोना का निरक्षण करने के लिए सात पलोड ले जाएगा। इसरो के एक अधिकारी ने कहा, 'आदित्य-एल1 राष्ट्रीय संस्थानों की भागीदारी वाला पूरी तरह से स्वदेशी प्रयास है

Curated By: Abhishek Nandanअपडेटेड Aug 30, 2023 पर 6:31 PM
चंद्रयान 3 की सफलता के बाद अब सोलर मिशन की तैयारी में जुटा इसरो, 2 सितंबर को लॉन्च हो सकता है आदित्य-एल1
Aditya L-1 Live Update: चंद्रयान-3 की सफलता के बाद, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अब अपना पहला सोलर मिशन लॉन्च करने जा रहा है

चंद्रयान 3 (Chandrayan-3) के लैंडर के चांद की सतह पर उतरने की कामयाबी के बाद अब इसरो (ISRO) सौर मिशन की तैयारी को शुरू करने जा रहा है। इसरो 2 सितंबर को अपने सौर मिशन की तैयारी को शुरू कर सकता है। इसरो ने आदित्य-एल1 (Adiyta-L1) स्पेसक्राफ्ट को सोलर कोरोना के दूर से अवलोकन और एल 1 पर सोलर हवा के सीटू अवलोकन को देने के लिए डिजाइन किया है। यह धरती से लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है।

सूरज के लिए भारत का पहला स्पेसक्राफ्ट

इसरो का आदित्य-एल1 (Adiyta-L1) सूरज के अवलोकन के लिए भारत का पहला स्पेसक्राफ्ट होगा। आदित्य-एल1 मिशन का लक्ष्य एल1 के चारों ओर सूरज के फोटोस्पेयर, क्रोमोस्फेयर और बाहरी लेयर का अध्यन करना है। यह अपने साथ कोरोना का निरक्षण करने के लिए सात पलोड ले जाएगा। इसरो के एक अधिकारी ने कहा, 'आदित्य-एल1 राष्ट्रीय संस्थानों की भागीदारी वाला पूरी तरह से स्वदेशी प्रयास है। बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ पेलोड के विकास के लिए अग्रणी संस्थान है। जबकि इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स, पुणे ने मिशन के लिए सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजर पेलोड विकसित किया है।

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इस मकसद से किया जाएगा आदित्य-एल1 का इस्तेमाल

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