Anil Agarwal : वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने महाराष्ट्र की जगह गुजरात में 1.54 लाख करोड़ रुपये की लागत से सेमीकंडक्टर और डिसप्ले मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की वजह बताई है। अनिल अग्रवाल ने शनिवार को हुई एचटी लीडरशिप समिट में बताया कि साइट के लिए सबसे अच्छे ऑप्शन की खोज के लिए बेहद अच्छे कंसल्टैंट्स की मौजूदगी वाली एक स्वतंत्र समिति ने पांच से छह राज्यों का दौरा किया। इनमें उन्हें गुजरात सबसे अच्छा ऑप्शन लगा। अग्रवाल के मुताबिक, कमेटी ने कहा कि यहां सबसे अच्छा वातावरण है और यूनिट के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस यूनिट का नाम वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर यूनिट है। पहले खबर आई थी कि इस रणनीतिक निवेश के लिए महाराष्ट्र की नाम तय हुआ है।
महाराष्ट्र में लगेगा और बड़ा प्लांट
इससे पहले अग्रवाल ने सीएनबीसी-टीवी 18 से बातचीत में संकेत दिए थे कि उन्होंने महाराष्ट्र के लिए अपनी योजनाओं को पूरी तरह नहीं छोड़ा है।
चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) ने कहा कि अभी वह फंडामेंटल रॉ मटीरियल्स बना रहे हैं। महाराष्ट्र में इससे भी बड़ा प्लांट लगेगा। उन्होंने कहा कि कुआं खुदेगा तो पानी सबको मिलेगा। अग्रवाल ने कहा, 'गुजरात में प्लांट लगाने की अपनी चुनौतियां हैं। महाराष्ट्र में एक बहुत बड़ा डाउनस्ट्रीम प्रोजेक्ट लगेगा, जो गुजरात से भी बड़ा होगा। अभी हम केवल फंडामेंटल रॉ मटीरियल्स बना रहे हैं।'
10 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
गुजरात सरकार का कहना है कि वेदांता-फॉक्सकॉन का प्रोजेक्ट देश के किसी भी राज्य में अब तक का सबसे बड़ा निवेश है। इससे राज्य में 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। गुजरात में अगले कुछ दिनों में विधानसभा चुनाव होने हैं।
अग्रवाल ने इससे पहले गुजरात में एक आयोजन में कहा था कि उनकी गुजरात प्लांट से दो साल में प्रोडक्शन शुरू करने की योजना है। इस इवेंट के बाद उन्होंने ट्वीट किया था कि भारत की सिलिकॉन वैली अब एक कदम और करीब आ गई है। राज्य सरकार के मुताबिक, वेदांता 945 अरब रुपये के निवेश से एक डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाएगी और चिप बनाने वाली यूनिट पर अलग से 600 अरब रुपये निवेश करेगी। हाल में पूरी दुनिया को चिप संकट से जूझना पड़ा था। इससे ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक्स समेत कई इंडस्ट्रीज प्रभावित हुई थी।