CNN-News18’s Rising Bharat Summit 2024: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के चुनावी वादों में से एक और लंबे समय से चली आ रही मांग अयोध्या का राम मंदिर (Ayodhya’s Ram Mandir) आखिरकार इस साल 22 जनवरी को राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रामलला की मूर्ति का रंग काला क्यों है? मंगलवार (19 मार्च) को CNN-News18 के राइजिंग भारत समिट के दौरान राम मंदिर के वास्तुकार आशीष सोमपुरा और इतिहासकार एवं राम लला की मूर्ति के आभूषण डिजाइनर यतिंदर मिश्रा ने अयोध्या मंदिर और यह कैसे अस्तित्व में आया इस पर डिटेल्स पर चर्चा की।
रामलला की मूर्ति काला क्यों है?
यह पूछे जाने पर कि रामलला की मूर्ति के लिए काले पत्थर का उपयोग क्यों किया गया? इस पर यतिंदर मिश्रा ने कहा, "तीन मूर्तियां बनाई गई थीं, जिनमें से एक सफेद पत्थर की थी। लेकिन इनमें से काली मूर्ति का चयन किया गया था। फैसला राम मंदिर ट्रस्ट पर निर्भर था। लेकिन मेरा मानना है कि मंदिर के लिए मूर्ति का चयन स्वयं भगवान राम ने किया था। मुझे नहीं लगता कि कोई राजनीतिक मजबूरी थी।"
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर परिसर का निर्माण कार्य इस साल दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि 22 जनवरी को राम लला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद से लगभग 75 लाख भक्त मंदिर में दर्शन कर चुके हैं।
5,500 से अधिक श्रमिकों को मिला काम
मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि वर्तमान में लगभग 1,500 श्रमिकों को नियोजित किया गया है। तीन मंजिला मंदिर भवन की शेष दो मंजिलों के निर्माण में तेजी लाने के लिए 3,500 से अधिक अतिरिक्त श्रमिकों को जल्द ही तैनात किया जाएगा।
मंदिर का ग्राउंड फ्लोर पिछले साल दिसंबर में बनाया गया था। मिश्रा ने कहा कि हाल ही में मंदिर निर्माण समिति की एक बैठक हुई। जिसमें इस साल के अंत तक राम जन्मभूमि परिसर में सभी निर्माण पूरा करने का निर्णय लिया गया।
उन्होंने कहा कि गर्भगृह मंदिर के ग्राउंड पर है और भगवान राम का दरबार पहली मंजिल पर स्थापित किया जाएगा, क्योंकि रामलला के दर्शन के बाद भक्त भगवान राम के दरबार के दर्शन कर सकेंगे।
राम मंदिर का मुख्य शिखर 300 दिन में होगा तैयार
मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि भव्य मंदिर के मुख्य शिखर (Peak) और दूसरे शिखर के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। 300 दिनों में यह बनकर तैयार हो जाएंगे। मंदिर में कुल पांच शिखर होंगे, जिनमें से तीन शिखर अभिषेक समारोह से पहले तैयार किए गए थे। मिश्रा ने कहा कि मुख्य शिखर 161 फीट ऊंचा बनाया जा रहा है जिस पर सोने की परत चढ़ाई जाएगी।