Balasore Train Accident: ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना (Odisha Chief Secy Pradeep Jena) ने रविवार को बताया कि बालासोर ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या 288 नहीं, बल्कि 275 है। प्रदीप जेना ने कहा कि कल शनिवार को रेलवे ने साझा किया था कि मरने वालों की संख्या 288 हो चुकी है। कल रात DM और उनकी पूरी टीम ने एक-एक शव की जांच की। DM द्वारा डेटा की जांच की गई और पाया गया कि कुछ शवों की दो बार गिनती की गई है, इसलिए मरने वालों की संख्या को संशोधित कर 275 कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि ट्रेन हादसे में 1,175 घायलों में से अब तक 793 को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है।
जेना ने बताया कि अब तक 88 शवों की पहचान हो चुकी है। उन्होंने कहा कि जिन शवों की पहचान हो चुकी थी, उनमें से 78 को सुबह तक सौंप दिया गया। 10 अन्य शवों की शिनाख्त हुई है, उन्हें भी सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उन्होंने बताया कि बचे हुए 187 शवों में से 170 को भुवनेश्वर शिफ्ट किया गया है।
ट्रेन हादसे की असल वजह की हुई पहचान
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा कि ओडिशा के बालासोर जिले में ट्रेन हादसे की असल वजह की पहचान कर ली गई है। हादसे से प्रभावित हुई पटरियों की सामान्य सेवाओं के लिए बुधवार तक मरम्मत कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हादसे की वजह प्वाइंट मशीन और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम से संबंधित है। वैष्णव ने इस घटना का कवच सिस्टम से कोई संबंध होने से इनकार किया। रेलवे अपने नेटवर्क में ‘कवच’ सिस्टम उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में है, ताकि रेलगाड़ियों के आपस में टकराने से होने वाले हादसों को रोका जा सके।
बता दें कि बालासोर में बाहानगा बजार रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार शाम करीब 7 बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस मुख्य लाइन के बजाय लूप लाइन में प्रवेश करने के बाद वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस हादसे की चपेट में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी आ गई थी। रेल मंत्री ने कहा कि दुर्घटना की जांच पूरी कर ली गई है और रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) जैसे ही अपनी रिपोर्ट देंगे तो सभी जानकारियां पता चलेंगी।
उन्होंने कहा कि इस भीषण घटना की असल वजह की पहचान कर ली गई है…मैं इस पर विस्तार से बात नहीं करना चाहता। रिपोर्ट आने दीजिए। मैं सिर्फ यह कहूंगा कि असल वजह और इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर ली गई है। उन्होंने यह भी कहा कि रेल दुर्घटना के करीब 300 पीड़ितों को मुआवजा दिया गया है।
दुर्घटनास्थल पर पत्रकारों से बातचीत में वैष्णव ने कहा कि मरम्मत का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है और एक मुख्य लाइन पर पटरियां पहले ही बिछाई जा चुकी हैं। वैष्णव ने कहा, "हमने सभी संसाधनों को काम पर लगाया है। मैं यह भी कहना चाहता हूं कि कवच सिस्टम का इस दुर्घटना से कोई संबंध नहीं है। यह हादसा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में बदलाव की वजह से हुआ। ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री) की टिप्पणी सही नहीं है।"
शुरुआती जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सिग्नल दिया गया था और ट्रेन संख्या 12841 (कोरोमंडल एक्सप्रेस) को अप मेन लाइन के लिए रवाना किया गया था, लेकिन ट्रेन अप लूप लाइन में प्रवेश कर गई और लूपलाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई तथा पटरी से उतर गई। इस बीच, ट्रेन संख्या 12864 (बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस) डाउन मेन लाइन से गुजरी और उसके दो डिब्बे पटरी से उतर गए तथा पलट गए।