एक फोन कॉल...और कैसे अशनीर ग्रोवर के पूरे परिवार की BharatPe से छुट्टी हो गई

अशनीर ग्रोवर अब ना को BharatPe के फाउंडर हैं और ना ही एंप्लॉयी, अर्श से फर्श तक के ग्रोवर के सफर पर डालिए एक नजर और जानिए कहां हुई उनसे चूक

अपडेटेड Mar 05, 2022 पर 10:41 PM
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अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन को BharatPe ने अपनी कंपनी से निकाल दिया है

कभी-कभी आपकी एक छोटी सी गलती आपकी जिंदगी को पूरी तरह बदल सकती है। ऐसा ही कुछ हुआ है Shark Tank India के जज रहे अशनीर ग्रोवर के साथ। अशनीर ग्रोवर को इस बात का बहुत गुमान था कि जिस बिजनेस को Paytm और Phonepe ने शुरू किया था, उस कारोबार में वो BharatPe के साथ आगे निकल गए हैं। लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि अब अशनीर ग्रोवर BharatPe के फाउंडर नहीं कहला पाएंगे। उन्हें कंपनी के हर पोजीशन और पद से हटा दिया गया है। इतना ही नहीं, उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर को भी कंपनी से निकाल दिया गया है। वह कंपनी में हेड ऑफ कंट्रोल्स थीं।

BharatPe के बोर्ड ने कॉरपोरेट गवर्नेंस की रिपोर्ट के आधार पर अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन पर कंपनी के पैसों का गलत इस्तेमाल करने और फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है। कंपनी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, "अशनीर ग्रोवर और उनके परिवार के लोगों ने कंपनी के फंड में घपला किया है। उन्होंने फर्जी वेंडर्स को पेमेंट किया और कंपनी का पैसा अपने निजी काम में इस्तेमाल किया है।"

दिलचस्प है कि अशनीर ग्रोवर पहले कहते रहे कि वह कंपनी नहीं छोड़ेंगे। कंपनी छोड़ने की एवज में वह 4000 करोड़ रुपए की डिमांड कर रहे थे। लेकिन 1 मार्च की आधी रात उन्होंने BharatPe को अपना इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद भी BharatPe ने अशनीर ग्रोवर को नहीं बख्शा। इस्तीफा देने के एक दिन के भीतर उन्हें फाउंडर सहित कंपनी के हर पद से हटा दिया। कंपनी ने अशनीर ग्रोवर को जारी किए रिस्ट्रिक्टेड शेयर भी देने से मना कर दिया। इतना ही नहीं, BharatPe ने अशनीर ग्रोवर के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू करने की भी बात कही है।


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अपना इस्तीफा देते हुए अशनीर ग्रोवर ने लिखा कि BharatPe के इनवेस्टर्स और बोर्ड कंपनी के फाउंडर के साथ 'गुलाम' जैसा बर्ताव कर रहा है। अशनीर ग्रोवर ने इस्तीफा के बाद मनीकंट्रोल को दिए गए इंटरव्यू में कहा है कि यह पूरी प्रक्रिया बस एक दिखावा है। बोर्ड को जो करना था वह पहले ही तय कर चुका था। इसमें सोच-विचार करने के लिए कुछ नहीं था। वो मेरे, मेरी पत्नी और मेरे पूरे परिवार के पीछे थे।

कहां से हुई शुरुआत

अशनीर ग्रोवर की मुसीबत शुरू हुई एक फोन कॉल से। ग्रोवर का एक ऑडियो वायरल हुआ था जिसमें वह कोटक महिंद्रा बैंक के एक कर्मचारी को इस बात के लिए हड़का रहे थे कि उन्हें नायका का शेयर क्यों नहीं मिला। इस वीडियो के बाद कंपनी ने इंडिपेंडेंट ऑडिट कराया जिसमें अशनीर ग्रोवर के खिलाफ कंपनी के फंड में हेरफेर करने की बात पता चली। ग्रोवर ने अपने बचाव में सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर में भी याचिका डाली थी कि उनके खिलाफ कॉरपोरेट गवर्नेंस की जांच ना हो। हालांकि उनकी याचिका खारिज कर दी गई।

आइए हम बताते हैं BharatPe और अशनीर ग्रोवर के बीच जंग कब शुरू हुई

5 जनवरी: एक गुमनाम ट्विटर हैंडल से एक ऑडियो क्लिप जारी हुआ। जिसमें कथित तौर पर अशनीर ग्रोवर कोटक महिंद्रा बैंक के एक कर्मचारी के साथ बदतमीजी से बात कर रहे हैं। ऑडियो क्लिप के मुताबिक, अशनीर ग्रोवर और उनके परिवार के सदस्यों को कोटक महिंद्रा बैंक नायका के शेयर नहीं दिला पाए जिसकी वजह से अशनीर ग्रोवर नाराज थे।

6 जनवरी: अशनीर ग्रोवर ने दावा किया कि यह वीडियो क्लिप फर्जी है।

8 जनवरी: यह क्लिप ट्विटर और साउंड क्वलाउड से हटा लिया गया। अशनीर ने भी अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।

9 जनवरी: ऐसी खबरें आईं कि अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ने अक्टूबर में कोटक महिंद्रा बैंक को लीगल नोटिस भेजा था। बैंक ने कहा कि वह इस ऑडियो क्लिप पर एक्शन लेंगे।

17 जनवरी: सीकोइया के कर्मचारी के साथ विवाद के बाद अगस्त 2020 में अशनीर ग्रोवर ने एक मेल भेजा था, यह मेल सबके सामने आ गया।

19 जनवरी: अशनीर ग्रोवर मार्च के अंत तक वॉलेंटरी लीव पर चले गए।

29 जनवरी: BharatPe के बोर्ड ने इंडिपेंडेंट ऑडिटिंग कराने का ऐलान किया।

30 जनवरी: अशनीर ग्रोवर सौह्रार्द पूर्ण सुलह जाते थे लेकिन साथ ही वकील भी नियुक्त कर लिया।

2 फरवरी: एक लेटर सार्वजनिक हुआ जिसमें CEO सुहैल समीर को बोर्ड से निकालने की बात थी।

4 फरवरी: शुरुआती जांच में पता चला कि अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ने कंपनी में घोटाला किया है।

10 फरवरी: माधुरी जैन ने ऑडिट कंपनी A&M को लेटर लिखकर पूछा कि ऑडिट की रिपोर्ट सार्वजनिक कैसे हुई।

11 फरवरी: CEO सुहैल समीर ने कर्मचारियों को कहा कि वह कंपनी के बोर्ड और आगे की कार्रवाई पर भरोसा बनाकर रखें।

22 फरवरी: अशनीर ग्रोवर सेटलमेंट के तौर पर भविष्य में होने वाली कार्रवाई से प्रोटेक्शन चाहते थे। इसके साथ ही एक लेटर में कंपनी के चेयरमैन रजनीश कुमार पर पक्षपात करने का आरोप लगाया।

23 फरवरी: BharatPe ने माधुरी जैन पर फंड का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाकर उन्हें नौकरी से निकाल दिया। बोर्ड के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि ग्रोवर पर लगे आरोपों का कंपनी पर कोई असर नहीं होगा।

27 फरवरी: सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर ने BharatPe के खिलाफ अशनीर ग्रोवर का गवर्नेंस रिव्यू याचिका खारिज कर दी।

1 मार्च: अशनीर ग्रोवर ने BharatPe से इस्तीफा दे दिया।

MoneyControl News

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First Published: Mar 03, 2022 5:03 PM

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