BharatPe ने कहा है कि वह अशनीर ग्रोवर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी
अशनीर ग्रोवर ने 1 मार्च की आधी रात BharatPe को अपना इस्तीफा दिया था। उसके एक दिन के भीतर BharatPe ने अशनीर ग्रोवर से फाउंडर होने का हक छिन लिया। इसी के साथ ग्रोवर अब ना BharatPe के फाउंडर हैं और ना ही कर्मचारी। इसके साथ ही कंपनी ने यह भी कहा है कि वह अशनीर को अलॉट किए हुए रिस्ट्रिक्टेड शेयर भी जब्त कर रहे हैं। इतनी ही नहीं कंपनी के बोर्ड ने कहा कि वह अशनीर ग्रोवर के खिलाफ कानूनी लड़ाई भी करेंगे।
ET को दिए एक इंटरव्यू ने अशनीर ग्रोवर ने कहा कि वह पहले ही काफी कुछ छोड़ चुके हैं। उन्होंने कहा, "100 करोड़ रुपए का मेरा स्टॉक ऑप्शन भी मुझे छोड़ना पड़ा।" अशनीर ग्रोवर ने कहा कि कंपनी ने मेरा 100 करोड़ रुपए का स्टॉक ऑप्शन छीन लिया। उन्होंने माधुरी जैन के 12 करोड़ रुपए के इक्विटी भी छीन लिए।
अशनीर ग्रोवर ने BharatPe की रिव्यू कमिटी पर भी कई इलजाम लगाए हैं। उन्होंने बोर्ड के चेयरमैन रजनीश कुमार, चीफ एग्जीक्यूटिव सुहैल समीर और जनरल काउंसल सुमीत सिंह की भी आलोचना की है। अशनीर ग्रोवर ने कहा कि इन लोगों ने फिनटेक कंपनी के किसी भी कर्मचारी के मुकाबले कहीं ज्यादा अपने स्टॉक ऑप्शन को लेकर मोलतोल किया था।
अशनीर ग्रोवर ने कहा, " इस मामले में किसी ने रिव्यू कमिटी की तरफ उंगली नहीं उठाई। मेरी बात सिंपल है अगर तुम मेरे पीछे पड़ोगे तो मैं भी तुम्हारे पीछे पडूंगा।"
आइए हम बताते हैं BharatPe और अशनीर ग्रोवर के बीच जंग कब शुरू हुई
5 जनवरी: एक गुमनाम ट्विटर हैंडल से एक ऑडियो क्लिप जारी हुआ। जिसमें कथित तौर पर अशनीर ग्रोवर कोटक महिंद्रा बैंक के एक कर्मचारी के साथ बदतमीजी से बात कर रहे हैं। ऑडियो क्लिप के मुताबिक, अशनीर ग्रोवर और उनके परिवार के सदस्यों को कोटक महिंद्रा बैंक नायका के शेयर नहीं दिला पाए जिसकी वजह से अशनीर ग्रोवर नाराज थे।
6 जनवरी: अशनीर ग्रोवर ने दावा किया कि यह वीडियो क्लिप फर्जी है।
8 जनवरी: यह क्लिप ट्विटर और साउंड क्वलाउड से हटा लिया गया। अशनीर ने भी अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।
9 जनवरी: ऐसी खबरें आईं कि अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ने अक्टूबर में कोटक महिंद्रा बैंक को लीगल नोटिस भेजा था। बैंक ने कहा कि वह इस ऑडियो क्लिप पर एक्शन लेंगे।
17 जनवरी: सीकोइया के कर्मचारी के साथ विवाद के बाद अगस्त 2020 में अशनीर ग्रोवर ने एक मेल भेजा था, यह मेल सबके सामने आ गया।
19 जनवरी: अशनीर ग्रोवर मार्च के अंत तक वॉलेंटरी लीव पर चले गए।
29 जनवरी: BharatPe के बोर्ड ने इंडिपेंडेंट ऑडिटिंग कराने का ऐलान किया।
30 जनवरी: अशनीर ग्रोवर सौह्रार्द पूर्ण सुलह जाते थे लेकिन साथ ही वकील भी नियुक्त कर लिया।
2 फरवरी: एक लेटर सार्वजनिक हुआ जिसमें CEO सुहैल समीर को बोर्ड से निकालने की बात थी।
4 फरवरी: शुरुआती जांच में पता चला कि अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ने कंपनी में घोटाला किया है।
10 फरवरी: माधुरी जैन ने ऑडिट कंपनी A&M को लेटर लिखकर पूछा कि ऑडिट की रिपोर्ट सार्वजनिक कैसे हुई।
11 फरवरी: CEO सुहैल समीर ने कर्मचारियों को कहा कि वह कंपनी के बोर्ड और आगे की कार्रवाई पर भरोसा बनाकर रखें।
22 फरवरी: अशनीर ग्रोवर सेटलमेंट के तौर पर भविष्य में होने वाली कार्रवाई से प्रोटेक्शन चाहते थे। इसके साथ ही एक लेटर में कंपनी के चेयरमैन रजनीश कुमार पर पक्षपात करने का आरोप लगाया।
23 फरवरी: BharatPe ने माधुरी जैन पर फंड का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाकर उन्हें नौकरी से निकाल दिया। बोर्ड के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि ग्रोवर पर लगे आरोपों का कंपनी पर कोई असर नहीं होगा।
27 फरवरी: सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर ने BharatPe के खिलाफ अशनीर ग्रोवर का गवर्नेंस रिव्यू याचिका खारिज कर दी।
1 मार्च: अशनीर ग्रोवर ने BharatPe से इस्तीफा दे दिया।