बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब ने कई परिवारों को उजाड़ दिया। घटना इतना भयावह है कि कुछ लोगों की तो आंखों की रोशनी ही चली गई। खबरों की मानें, तो बिहार 16 गावों में जहरील शराब पीने से करीब 26 लोगों की जान जा चुकी है और 40 से ज्यादा की हालत गंभीर है। उससे भी ज्यादा परेशान करने वाला ये है कि करीब सात लोग अपनी आंखों की रोशनी खो चुके हैं। छपरा और सीवान जिले में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की हुई मौत गई।
छपरा और सीवान जिले में जहरीली शराब ने एक बार फिर मौत का तांडव कर दिया। दोनों जिले में लगातार मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इस बीच गोपालगंज सदर अस्पताल से भी दो लोगों को पटना रेफर करने की बात कही जा रही है। कई लोगों की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है।
सभी पीड़ितों की पहचान कर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है। कुछ लोगों को छपरा सदर अस्पताल से पटना भी रेफर भी करना पड़ा। कई लोगों की आंखों की रोशनी तक चली गई।
पुलिस की मानें, 13 अक्टूबर तो कई लोगों ने सिवान की भगवानपुर हाट में लगे मेले में बिक रही पाउच वाली शराब पी थी। अब पूरे मामले की जांच बिहार पुलिस की मद्य निषेध इकाई की SIT कर रही है।
शराब पीने के कुछ ही घंटे बाद जाने लगी आंख
खुद पीड़ितों ने बताया कि आखिर मंगलवार को क्या हुआ। उन्होंने बताया कि शराब पीने के कुछ ही घंटे के बाद लोगों की आंखों की रोशनी जाने लगी थी। मंटू कुमार ने Local18 से बताया कि उसने मंगलवार की शाम को शराब पी थी। पीने के कुछ देर बाद रात से ही उसे दिखाई देना कम हो गया। धीरे-धीरे यह परेशानी बढ़ने लगी। अंदर से बेचैनी भी महसूस होने लगी।
इसके बाद मंटू ने घर वालों को पूरी बात बताई। फिर घरवालों ने उसे मशरख के स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। लेकिन वहां भी उसे राहत नहीं मिली, तो बेहतर इलाज के लिए डॉक्टरों ने उसे छपरा सदर अस्पताल रेफर कर दिया। मंटू ने कहा,"तब से मैं यहां भर्ती हूं। पता नहीं अब आगे क्या होगा।"
शराब पीने वाले सभी कराए गए भर्ती
वहीं धर्मेंद्र राम ने बताया कि उसे भी भर्ती कराया गया था, लेकिन मशरख स्वास्थ्य केंद्र में वो ठीक हो गया था, लेकिन डॉक्टरों ने उसे जबरन छपरा सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कर दिया। उसने कहा, "मैं बिल्कुल ठीक हूं।" उसने बताया कि जितने लोगों ने शराब पी थी। उन सभी लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि छपरा अस्पताल में भर्ती कुछ लोगों को पटना भी रेफर कर दिया गया है।
शराब माफियाओं का अड्डा बन गया है मशरख
छपरा जिले का मशरख जहरीली शराब बेचने वाले माफियाओं का अड्डा बन गया है। यही कारण है कि इस इलाके में जहरीली शराब पीने से मौत के बाद भी इसपर कंट्रोल नहीं लग पाया है। दिसंबर 2022 को भी मशरख, अमनौर और मढ़ौरा में जहरीली शराब पीने से 70 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी।
तब भी जान गंवाने वालों में सबसे ज्यादा लोग मशरक के ही थे। तीन दर्जन शवों का तो पोस्टमार्टम भी कराया गया था। इसके बावजूद महज दो साल के अंदर एक बार फिर ऐसा ही बड़ा कांड हो गया है।
इतना बड़ा कांड होने के बाद पुलिस प्रशासन के भी हाथ पांव फूल गए। इसी कड़ी में आला अधिकारियों ने छपरा के मसरख थाने के चौकीदार महेश राय और ASI रामनाथ झा को सस्पेंड कर दिया। इसके अलावा थानाध्यक्ष और ASI को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो सारण पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए अब तक 8 लोगों को हिरासत में लिया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष जांच दल यानि SIT भी बनाई गई है।