Bulli Bai: क्या है सोशल मीडिया पर मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने वाला यह विवादित ऐप? कब और कैसे उठा ये विवाद

Bulli Bai App: मंगलवार को, बेंगलुरु के एक 21 साल के इंजीनियरिंग छात्र को मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच ने हिरासत में लिया है

अपडेटेड Jan 04, 2022 पर 9:02 PM
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Bulli Bai App के जरिए मुस्लिम महिलाओं को बनाया जा रहा निशाना (FILE PHOTO)

साल 2022 की शुरुआत एक विवादास्पद ऐप को लेकर हुई, जिसमें 100 से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को ऑनलाइन बोली लगाने वालों के लिए "नीलामी" करने की बात सामने आई और अब इसे लेकर समुदाय के लोगों में आक्रोश पैदा हुआ है। ANI के मुताबिक, 4 जनवरी को, बेंगलुरु के एक 21 साल के इंजीनियरिंग छात्र को मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच ने कथित तौर पर "मुस्लिम महिलाओं का अपमान करने" के लिए डिज़ाइन किए गए ऐप से "अपमानजनक कंटेंट शेयर करने" के लिए अपने ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल करने के लिए हिरासत में लिया था।

कई मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि छात्र को बेंगलुरु से हिरासत में लिया गया और मुंबई लाया गया। उसकी गिरफ्तारी की संभावना है। इस विवादित ऐप में प्रमुख अभिनेत्री शबाना आज़मी, दिल्ली हाई कोर्ट के एक मौजूदा जज की पत्नी, कई पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और राजनेताओं की तस्वीरें भी शामिल थीं, जिन्हें एक ऐप पर नीलामी के लिए अपलोड किया गया था।

'बुल्ली बाई' नाम के ऐप को लेकर उठा यह विवाद, पिछले जुलाई में 'सुल्ली डील' के जैसा ही, जिसमें लगभग 80 मुस्लिम महिलाओं को 'बिक्री के लिए' रखा गया था।


क्या है ये Bulli Bai ऐप से जुड़ा विवाद?

'बुली बाई' ऐप माइक्रोसॉफ्ट के मालिकाना हक वाली ओपन सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट साइट GitHub पर बनाया गया था। इसमें 'बुली' शब्द स्थानीय कठबोली में मुस्लिम महिलाओं के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला अपमानजनक शब्द है। ऐप पर प्रोफाइल में पीड़ितों के फोटो और दूसरे पर्सनल डिटेल शामिल थे, जो महिलाओं की सहमति के बिना बनाई गई और शेयर किए जा रहे थे।

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यह घटना उस समय वायरल हो गई जब एक महिला पत्रकार ने बुल्ली बाई ऐप पर अपनी बेची जा रही एक तस्वीर को 'डील ऑफ द डे' के रूप में शेयर किया। पत्रकार ने ट्विटर पर कहा, "यह बहुत दुखद है कि एक मुस्लिम महिला के रूप में आपको अपने नए साल की शुरुआत इस डर और घृणा के साथ करनी पड़ रही है।"

कश्मीर के एक पत्रकार क़ुरतुलैन रहबर को भी 'ऑनलाइन नीलामी' में लिस्टेड किया गया था। सुनने में भले ही यह बेतुका लगे, लेकिन यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की घटना हुई हो।

क्या था सुल्ली डील विवाद?

भारत में मुस्लिम महिलाओं को ऑनलाइन "नीलामी" करके परेशान करने की यह पिछले महीनों में दूसरी कोशिश थी। जुलाई 2020 में, "सुल्ली डील्स" के नाम से एक ऐसा ही ऐप सामने आया, जिसमें कई मुस्लिम महिलाओं को ऑनलाइन बोली लगाने वालों के लिए "नीलामी" के लिए रखा गया था।

ऐप में उनकी सहमति के बिना 80 से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं के प्रोफाइल को दिखाया गया है, उनकी तरफ से ऑनलाइन अपलोड की गई तस्वीरों का इस्तेमाल करके और उनके नाम को 'डील ऑफ द डे' कैटेगरी में डाला गया था। शब्द "सुली" एक अपमानजनक शब्द है, जिसका इस्तेमाल मुस्लिम महिलाओं के लिए किया जाता है।

ऐप पर नाराजगी

इस विवाद के कारण सभी पार्टियों के शीर्ष राजनेताओं सहित समाज के कई वर्गों ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई है। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मुद्दे को उठाया और दावा किया कि उन्होंने केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से बार-बार कहा है कि "प्लेटफॉर्म जैसे #sullideals के जरिए महिलाओं के बड़े पैमाने पर कुप्रथा और सांप्रदायिक तरीके से टारगेट करने" के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

उन्होंने कहा, 'शर्म की बात है कि इसे लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।

वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, "महिलाओं का अपमान और सांप्रदायिक नफ़रत तभी बंद होंगे जब हम सब एक आवाज़ में इसके ख़िलाफ़ खड़े होंगे। साल बदला है, हाल भी बदलो- अब बोलना होगा!"

MoneyControl News

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First Published: Jan 04, 2022 3:15 PM

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